न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के सिलसिले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद दस दिन की पुलिस हिरासत में हैं। इस केस के पूरक आरोपपत्र में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव का भी नाम है, पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उन्हें अभी सह-अभियुक्त नहीं बनाया गया है।

उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया। आरोप है कि उमर ने इन दंगों में सहयोग किया था। इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव और जयति घोष को पूरक आरोपपत्र में सह-अभियुक्त नहीं बनाया गया है। पुलिस के मुताबिक ये लोग आरोपी नहीं हैं, बल्कि एक अन्य आरोपी ने अपने बयान में इनके नाम लिए हैं और किसी को केवल किसी बयान के आधार पर अभियुक्त नहीं बनाया जाता। पर्याप्त सबूतों के आधार पर ही आगे कार्रवाई की जाती है। मामला फिलहाल विचाराधीन है।

पहले पूरक आरोपपत्र में येचुरी, योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और डॉक्यूमेंट्री निर्माता राहुल रॉय को दंगों का सह-साजिशकर्ता बताने वाली खबरें आई थीं। इस पर येचुरी ने कहा था कि ये अवैध और गैरकानूनी हरकतें भाजपा के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के चरित्र को दर्शाती हैं। उधर योगेंद्र यादव ने कहा कि पूरक चार्जशीट में मुझे सह-साजिशकर्ता या अभियुक्त नहीं बनाया गया है। एक अभियुक्त के बयान के आधार पर मेरा और येचुरी का जिक्र है, जो अदालत में स्वीकार्य नहीं होगा।

बताया जाता है कि दिल्ली दंगों के आरोपी देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और गुलफिशा फातिमा ने अपने बयानों में नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध प्रदर्शनों के सिलसिले में योगेंद्र यादव, जयती घोष, अपूर्वानंद और राहुल राय का नाम लिया था। उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछली 23 से 26 फरवरी के बीच हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 581 लोग जख्मी हुए थे।