न्यूज़गेट प्रैस नेटव

दिल्ली में 100 महिला मोहल्ला क्लीनिक बनेंगे और मोहल्ला क्लीनिकों की तरह मोहल्ला बसें भी शुरू की जाएंगी जबकि दो साल के भीतर शहर के तीनों कूड़े के पहाड़ खत्म किए जाएंगे। यहां की आम आदमी पार्टी की सरकार ने बुधवार को विधानसभा में अपना 2023-24 का बजट पेश किया जो 78800 करोड़ रुपये का है। यह पार्टी अब एमसीडी की भी सत्ता में है, इसलिए बजट में उसका भी पूरा ख्याल ऱखा गया है।

केंद्र के साथ खींचतान में हुई एक दिन की देरी के बाद बुधवार को दिल्ली के नए वित्तमंत्री कैलाश गहलौत ने आम आदमी पार्टी सरकार का नौवां बजट पेश किया। उन्होंने भरोसा जताया कि अगला बजट पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ही पेश करेंगे जो कि फिलहाल कथित शराब घोटाले में जेल में बंद हैं। गहलोत के रखे प्रस्तावों में शिक्षा और स्वास्थ्य को फिर प्रमुखता दी गई है। लेकिन कुल बजट का करीब 27 फीसदी हिस्सा विभिन्न विकास कार्यों पर दिल्ली नगर निगम के जरिये खर्च होगा।

वैसे सबसे ज्यादा 16575 करोड़ रुपए शिक्षा पर खर्च होंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि शहर में 12 नए एप्लाइड लर्निंग स्कूल शुरू होंगे। इनमें 9वीं से दाखिला मिलेगा। हर सरकारी स्कूल को 20 नए कम्प्यूटर और सभी शिक्षकों, प्रिंसिपलों व वाइस प्रिंसिपलों को टैबलेट दिए जाएंगे। इसी तरह डॉ. आंबेडकर एक्सिलेंस स्कूलों की संख्या बढ़ा कर 37 की जाएगी। इन स्कूलों में फ्रेंच, जर्मन व जापानी भाषा भी पढ़ाई जा रही है और ये स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल से संबद्ध होंगे। गहलोत ने कहा कि देश में पहली बार स्कूलों को उद्योगों से जोड़ा जाएगा जिससे इन स्कूलों के बच्चों को अपना कौशल दिखाने के अवसर मिलेंगे।

इसी तरह 9742 करोड़ रुपए यानी बजट का लगभग 12 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च होगा। इस पैसे से दिल्ली में सौ नए महिला मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार की ओर से मुफ्त में होने वाले मेडिकल टेस्ट की संख्या 200 से बढ़ा कर 450 की जा रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि नौ नए अस्पताल बन रहे हैं, जिनमें से चार अगले वित्तीय साल में शुरू हो जाएंगे जिनसे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बेड संख्या बढ़ कर 30 हजार हो जाएगी।

मोहल्ला क्लीनिक की तरह ही अब दिल्ली सरकार मोहल्ला बसें लाने जा रही है। ये छोटी इलेक्ट्रिक बसें होंगी जो गलियों में चल सकेंगी और दूर के स्थानों को परिवहन नेटवर्क से जोड़ेंगी। ऐसी 2180 बसें लाई जाएंगी। इसी तरह इस साल के अंत तक दिल्ली में डीटीसी के तहत 1600 इलेक्ट्रिक बसें और चलने लगेंगी। इसके लिए 3500 करोड़ रुपये रखे गए हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि 2025 तक दिल्ली में दस हजार से ज्यादा बसें चल रही होंगी जिनमें से 80 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक होंगी।

गहलोत ने यमुना की सफाई के लिए एक्शन प्लान लाने और शहर के तीनों कूड़े के पहाड़ दो साल के भीतर खत्म करने का वादा किया जिस पर 850 करोड़ खर्च होंगे। इनमें सबसे ज्यादा समय गाजीपुर का पहाड़ खत्म करने में लगेगा जिसके लिए दिसंबर 2024 तक की मियाद रखी गई है।

बजट में नए फ्लाईओवरों पर 722 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें तीन डबल डेकर फ्लाईओवर होंगे, जिनमें सड़क भी होगी और मेट्रो की लाइन भी। सड़कों और पुलों पर कुल 3126 करोड़ खर्च का प्रस्ताव है। ध्यान रहे, जी20 शिखर सम्मेलन के मद्देनज़र शहर में सड़कों के सौंदर्यीकरण का काम पहले ही चल रहा है।

इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली का बजट रोकने का आरोप लगाया था। उनके मुताबिक दिल्ली सरकार ने 17 मार्च को बजट तैयार करके उपराज्यपाल को भेज दिया। बताया जाता है कि उपराज्यपाल इसे गृह मंत्रालय को भेजते हैं और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है, तब जाकर बजट विधानसबा पेश किया जा सकता है। उपराज्यपाल के दफ्तर से बताया गया कि गृह मंत्रालय की तीन टिप्पणियों पर दिल्ली सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया था जिसकी वजह से मंजूरी नहीं मिली। मगर केजरीवाल का कहना था कि 21 मार्च को बजट पेश होना है और हमें 20 मार्च को आपत्तियां बताई जा रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि तीन दिन तक अधिकारियों ने इसे क्यों दबाए रखा?

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि बजट पर केंद्र की आपत्ति असंवैधानिक और निराधार हैं। देश के 75 साल के इतिहास में किसी भी किसी सरकार का बजट नहीं रोका गया। उनका कहना था हमने मंगलवार को बजट केंद्र की आपत्तियों को बिना बदले भेजा और उन्होंने इसे मंजूरी दे दी।