न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
दिल्ली मे बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी बीएसईएस बिजली के साधारण मीटरों की जगह स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर रही है। ऐसा केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत किया जा रहा है। इन मीटरों से लोग अपनी बिजली खपत की न केवल निगरानी कर सकेंगे बल्कि उसे नियंत्रित भी कर सकेंगे ताकि बिल कम आए।
बीएसईएस का कहना है कि 17 जून को जारी एक टेंडर नोटिस में 50 लाख स्मार्ट मीटरों की सप्लाई के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इन स्मार्ट मीटरों को लगाने पर लगभग 4000 करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के हिसाब से मार्च 2025 तक इन स्मार्ट मीटरों को लगाने का लक्ष्य पूरा किया जाना है।
कंपनी के सूत्रों का कहना है कि अब तक पूरे देश में 40.40 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। दिल्ली में 50 लाख स्मार्ट मीटर लगाना निजी क्षेत्र में देश का सबसे प्रोजेक्ट होगा। मेट्रो शहरों के लिए भी यह सबसे बड़ा स्मार्ट मीटर कार्यक्रम है। इन सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर विदेशों में भी स्मार्ट मीटर लगाने के प्रोजेक्ट को पूरा करने में पांच से आठ साल लगते हैं, लेकिन बीएसईएस इसे दो से तीन वर्षों के भीतर पूरा करने वाली है।
खास बात यह है कि स्मार्ट मीटर की मदद से लोग अपनी बिजली की खपत की खुद निगरानी कर सकते हैं। डिमांड मैनेजमेंट के जरिये वे अपनी बिजली की खपत कम भी कर सकेंगे जिससे बिल भी कम आएगा। इनके जरिये लोग बिजली दफ्तर जाए बगैर प्रीपेड और पोस्ट पेड भुगतान का विकल्प चुन सकेंगे। लोड बढ़ाने या घटाने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
यही नहीं, इस मीटर के जरिये लोग अपने इलेक्ट्रिक वाहन की चार्जिंग की निगरानी भी कर सकेंगे। बिजली सप्लाई में किसी तरह रुकावट की जानकारी भी स्मार्ट मीटर से मिलेगी। दूसरी तरफ इन मीटरों से बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों को लोड का अनुमान लगाने में और बिजली की शिड्यूलिंग करने में मदद करेगी।
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