न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

नई दिल्ली। डीसीजीआई यानी भारतीय औषधि महानियंत्रक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड के कोविड19 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल फिर शुरू करने की इजाजत दे दी है। लेकिन डीसीजीआई डॉ वीजी सोमानी ने इसके लिए जांच के दौरान अतिरिक्त सावधानी समेत कई शर्तें रखी हैं।

इससे पहले 11 सितंबर को डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट को परीक्षण रोक देने को कहा था, क्योंकि दिग्गज दवा कंपनी एस्ट्राजेनिका ने ट्रायल में शामिल हुई एक महिला की तबीयत खराब होने के बाद अपने ट्रायल रोक दिए थे। लेकिन इंग्लैंड की स्वतंत्र एक्सपर्ट कमेटी और ड्रग रेगुलेटर ने जांच के बाद ट्रायल दोबारा शुरू करने को हरी झंडी दे दी है।

इस बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि अगले साल यानी 2021 के पहले तीन महीने में वैक्सीन आ सकती है। उनका कहना था कि वैक्सीन आने पर सरकार सबसे पहले ज्यादा जोखिम वाले वर्गों जैसे बीमार लोग और बुजुर्गों पर ध्यान देगी। इन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी।

भारत के दोनों स्वदेशी वैक्सीन ने पहले चरण के ट्रायल पूरे कर लिए हैं। दूसरा चरण शुरू हो चुका है। भारत बायोटेक ने घोषणा की है कि ‘कोवैक्सीन’ का जानवरों पर परीक्षण सफल रहा है।

भारत बायोटेक आईसीएमआर के साथ मिल कर कोरोना की यह वैक्सीन बना रहा है। इसके दूसरे चरण का ट्रायल सात सितंबर को शुरू हो चुका है। दूसरे चरण के ट्रायल में 380 वॉलंटियर शामिल हैं। ये ट्रायल दिल्ली और पटना के एम्स, विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल, हैदराबाद के निजाम के आयुर्विज्ञान संस्थान और रोहतक पीजीआई में चल रहे हैं।