न्यूज़गेट प्रैस नेटव
बीसीआई यानी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अन्य देशों के वकीलों और लॉ फर्मों को भारत में वकालत करने की इजाजत दे दी है। उसने कहा है कि विदेशी और अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता मामलों में विदेशी वकीलों को भारत में प्रेक्टिस की मंजूरी से घरेलू कानूनी पेशे के विकास में मदद मिलेगी।
पहले बीसीआई इस इजाजत की विरोधी थी। लेकिन लंबे विमर्श के बाद यह मंजूरी दे दी गई है हालांकि विदेशी वकील केवल गैर मुकदमे वाले मामलों में प्रेक्टिस कर सकेंगे। मतलब यह कि विदेशी वकील अदालतों या ट्रिब्यूनलों में खुद पेश नहीं हो सकेंगे। वे बीसीआई में अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर केवल कानूनी सलाह देने का काम कर सकते हैं। उन्हें लेनदेन, कॉर्पोरेट क्षेत्र के संयुक्त उद्यम, विलय और अधिग्रहण या बौद्धिक संपदा जैसे मामलों और अनुबंधों का मसौदा तैयार करने में प्रैक्टिस की अनुमति होगी। नए नियमों में कहा गया है कि विदेशी वकीलों के प्रैक्टिस के क्षेत्र बीसीआई निर्धारित करेगी और आवश्यकता पड़ने पर वह कानून मंत्रालय से सलाह भी कर सकती है। वह चाहे तो किसी विदेशी वकील या कानूनी फर्म को रजिस्टर करने से इन्कार भी कर सकती है।
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