दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक शहर में स्कूल नहीं खुलेंगे। उनके मुताबिक इस समय कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और ऐसे में स्कूल खोलना उन्हें कोरोना संक्रमण के खतरे में ढकेलने जैसा होगा। उपमुख्यमंत्री का कहना था कि ये स्कूल खोलने लायक परिस्थितियां नहीं हैं। अभी स्कूल खोलने का रिस्क न हम लेना चाहेंगे, ना ही अभिभावक।

दिल्ली में पिछले मार्च से ही स्कूल बंद हैं। केंद्र सरकार ने हालांकि नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की मंजूरी दे रखी है, लेकिन जिस तरह कोरोना संक्रमण बढ़ा है उस देखते हुए दिल्ली सरकार कोई खतरा नहीं उठाना चाहती। सिसोदिया ने यह जरूर कहा कि केंद्र सरकार से हमें सहयोग मिला है और हमने भी सहयोग किया भी है। इस समय आपस में लड़ने से हम कोरोना से नहीं लड़ सकते।

इस बीच संक्रमण के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की कोशिश में कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने की रकम बढ़ा कर दो हजार कर दी गई है। मास्क नहीं लगाने के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग व होम क्वरंटीन के नियमों का पालन नहीं करने और पान-गुटखा खाने वालों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पिछले हफ्ते इसकी अधिसूचना जारी की।

होम आइसोलेशन में लापरवाही बरतने वाले संक्रमित लोगों पर सरकार अब ज्यादा निगरानी रखेगी। ऐसे कई मामलों का पता चला है जिनमें होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे संक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है। अब जिला प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित तौर पर मरीजों के घर जाकर निरीक्षण करेगी। इस निरीक्षण में जो लोग नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

कांटेक्ट ट्रेसिंग अभियान के तहत संक्रमितों के संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटीन किया जाएगा जब तक कि उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती। ऐसे सभी लोगों की एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी। सभी जिलों को आदेश दिया गया है कि इस काम में अतिरिक्त कर्मचारी लगाए जाएं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का मानना है कि अगले दो-तीन हफ्तों में कोरोना संक्रमण के कारण हो रही मौतों की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि शहर में एक सचल प्रयोगशाला शुरू की गई है जो कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए 2400 रुपए में हो रही आरटी-पीसीआर जांच केवल 499 रुपए में करेगी। इसके साथ ही सरकार ने दिल्ली के 90 निजी अस्पतालों को अपने कुल बिस्तरों में से 60 प्रतिशत और 42 निजी अस्पतालों को आईसीयू में 80 प्रतिशत बिस्तर कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखने को कहा है।

कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण जरूरत पड़ने पर बाजारों को बंद करने का निर्णय लिया था। इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। वहां से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। मगर स्थानीय तौर पर अधिकारी इस बाबत फैसले ले रहे हैं। हालांकि पिछले हफ्ते पश्चिम दिल्ली के दो अस्थायी बाजारों पर रोक लगाने का फैसला अगले दिन वापस ले लिया गया। ऐसा बाजार के प्रतिनिधियों की गुजारिश पर किया गया।