न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा यानी राष्ट्रीय लोक समता दल का जदयू में विलय हो गया है। यह अलग बात है कि इससे एक दिन पहले शनिवार को रालोसपा के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा सहित बिहार व झारखंड के अनेक पदाधिकारी राजद में शामिल हो गए।

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की उपस्थिति में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रालोसपा के लगभग पैंतीस नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। जदयू में रालोसपा के विलय से पहले राजद में पार्टी के इतने नेताओं का जाना कुशवाहा के लिए झटके की तरह है।

बहरहाल जदयू में रालोसपा के विलय को दोनों दलों के नेताओं ने भविष्य की रणनीति करार दिया है। दोनों दल इसे बिहार के विकास के लिए जरूरी बताते हैं। उन्होंने इसे एक स्वभाविक कदम बताया क्योंकि जदयू व रालोसपा के मतदाता एक ही हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से जदयू का जनाधार बढ़ेगा। मगर सच्चाई यह है कि पिछले साल के बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने इस विलय का फैसला लिया। पार्टी इस चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी।