न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
दिल्ली हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ ने सिंगल बेंच के उस आदेश को उलट दिया है जिसमें फ्यूचर ग्रुप के रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगा दी गई थी। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की डिविजन बेंच ने सिंगल जज के आदेश के खिलाफ फ्यूचर ग्रुप की अपील पर अमेजन को नोटिस भी जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 30 अप्रैल होगी।
जस्टिस जेएस मिड्ढा की सिंगल बेंच ने फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड, फ्यूचर रिटेल, किशोर बियानी और दस अन्य प्रमोटरों की संपत्तियों को जब्त करने का भी आदेश दिया था। उसे भी डिविजन बेंच ने रोक दिया है। सिंगल बेंच का आदेश सिंगापुर के इमर्जेंसी आर्बिट्रेटर की तरफ से 25 अक्टूबर 2020 को जारी हुए आदेश को लागू कराने की अमेजन की अपील पर आया था। अमेजन ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे पर ऐतराज जताया था।
सिंगल बेंच ने इस बाबत सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के आदेश को बरकरार रखा था और कहा था कि फ्यूचर ग्रुप ने जानबूझ कर मध्यस्थता अदालत के आदेश का उल्लंघन किया।
सिंगल बेंच ने कुल 134 पन्नों के अपने आदेश में फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर किशोर बियानी और समूह से जुड़े अन्य लोगों की संपत्ति जब्त करने का भी निर्देश दिया था। साथ ही फ्यूचर ग्रुप पर 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। असल में सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने पिछले साल 25 अक्टूबर को फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ सौदा रोक देने को कहा था। फिर भी फ्यूचर ने इस सौदे को आगे बढ़ाया। सिंगल बेंच ने किशोर बियानी और समूह के अन्य जिम्मेदार लोगों को 28 अप्रैल से पहले अदालत में पेश होने को भी कहा है।
असल में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले अगस्त में किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की घोषणा की थी। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ जिसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स व वेयरहाउसिंग कारोबार रिलायंस को मिलेगा।
रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के इन कारोबारों को खरीदा है। रिलायंस ने देश में अपने रिटेल कारोबार के विस्तार के लिए यह सौदा किया। मगर अमेजन इस सौदे को रोकने की मांग कर रहा है।
अमेजन का तर्क है कि 2019 में फ्यूचर यूनिट के साथ हुए उसके सौदे में यह शर्त शामिल थी कि फ्यूचर ग्रुप रिलायंस सहित कुछ चुनिंदा कंपनियों को अपनी रिटेल संपत्ति नहीं बेच सकता।
यह अलग बात है कि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के सौदे को सैबी ने अमेजन की आपत्ति के बावजूद मंजूरी दे दी है। कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया भी इसे मंजूरी दे चुका है। किशोर बियानी ने कहा था कि सैबी की मंजूरी के बाद रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील दो महीने में पूरी हो जाएगी। उनका कहना था कि अमेजन के साथ विवाद पर सुनवाई और रिलायंस के साथ डील, दोनों साथ चलती रहेंगी।
उधर सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत की तीन सदस्यीय पीठ इस बारे में अंतिम निर्णय करेगी। इसमें फ्यूचर और अमेजन की ओर से एक-एक सदस्य नामित होंगे जबकि एक सदस्य तटस्थ होगा।
इधर अमेजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में भी फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच सौदे का विवाद लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों कंपनियों को आगे की प्रक्रिया रोकने को कहा था। उसने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जवाब मांगा है जबकि एनसीएलटी यानी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल को इस बारे में कार्यवाही जारी रखते हुए अंतिम फैसला नहीं करने का कहा है।
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