न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर यात्रियों की संख्या और उड़ानों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस दबाव से निपटने और एयर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए इस हवाईअड्डे पर टर्मिनल-4 बनाने की तैयारी हो रही है।
फिलहाल इसे बनाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। जाहिर है कि नए टर्मिनल पर भी टर्मिनल-3 जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। टर्मिनल-4 को वर्ष 2025 तक पूरा कर लेने का योजना है। इसके बनने पर इससे पूरी तरह केवल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिअए समर्पित कर दिया जाएगा। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही टर्मिनल-3 से हो रही है। टर्मिनल-4 बन जाने पर टर्मिनल-3 भी घरेलू उड़ानों का संचालन करने लगेगा।
अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली हवाईअड्डे पर काफी समय से नए टर्मिनल की जरूरत महसूस की जा रही है। अभी एक घंटे में दिल्ली हवाईअड्डे पर करीब 75 उड़ानों की आवाजाही होती है। नया टर्मिनल बन जाने के बाद यहां से 105 उड़ानों तक का हर घंटे परिचालन हो सकेगा। इससे इस हवाईअड्डे की यात्री क्षमता भी बढ़ जाएगी और यात्रिय़ों को सहूलियत भी होगी। ध्यान रहे, कोरोना से पहले दिल्ली हवाईअड्डे पर एक दिन में करीब 1300 उड़ानें आती-जाती थीं जिनसे करीब ढाई लाख योत्री आते-जाते थे। माना जा रहा है कि दस साल बाद इस हवाईअड्डे पर सालाना करीब दस करोड़ यात्री आने-जाने लगेंगे।
इस बीच, खबर है कि आगामी सितंबर तक इस हवाईअड्डे पर नया यानी चौथा रनवे भी शुरू होने वाला है। फिर दिसंबर तक निर्माणधीन टर्मिनल-1 का काम भी पूरा हो जाएगा। फिर टर्मिनल-4 का काम तेज हो जाएगा। नए टर्मिनल पर विमान पार्किंग एरिया, कार्गो एरिया, टर्मिनल की इमारत, इमिग्रेशन, एयरलाइनों के काउंटर और अन्य सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
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