न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
हरिद्वार में जबरदस्त भीड़ पहुंच रही है और कुंभ मेले में कोरोना महामारी को लेकर बनाए गए नियमों को लागू करना असंभव हो गया है। इस सोमवार सोमवती अमावस्या पर दूसरा शाही स्नान के अवसर पर उत्तराखंड सरकार के मुताबिक शाम तक पैंतीस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। महामारी के बीच इस साल दुनिया के किसी भी शहर में एक दिन में इतनी भीड़ नहीं जुटी।
मेला प्रशासन लोगों की कोरोना जांच भी कर रहा है और उस दिन 400 से ज्यादा लोग वहां पॉजिटिव भी पाए गए। मगर जिस तरह लाखों की भीड़ में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ीं उससे पॉजिटिव लोगों की संख्या पर यकीन करना आसान नहीं। कुंभ मेला आईजी संजय गुंजयान के मुताबिक लोगों से कोविड नियमों के पालन की अपील की जा रही है, लेकिन इतनी भीड़ में यह व्यावहारिक रूप से असंभव है। उन्होंने कहा कि अगर हमने सख्ती की तो भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। कुंभ की शुरूआत पहली अप्रैल से ही। सोमवार से पहले भी रोजाना लगभग पचास हजार लोग वहां पहुंच रहे थे।
एक केंद्रीय अधिकारी ने चेताया है कि कुंभ कोरोना का ‘सुपर स्प्रेडर’ बन सकता है। इसलिए इसे समय से पहले समाप्त करने के बारे में सोचा जाना चाहिए। कोरोना को लेकर एक समीक्षा बैठक में इस वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी ने कहा कि अगर निर्धारित समय से पहले कुंभ समाप्त नहीं किया जाता तो यह कोविड का ‘सुपर स्प्रेडर’ बन सकता है। मगर राज्य सरकार के सूत्रों ने इस बात से साफ इन्कार कर दिया है कि कुंभ को समय से पहले समाप्त करने पर विचार किया जा रहा है। वैसे कुंभ 30 अप्रैल तक चलना है।
मेला प्रशासन का दावा है कि कुंभ में आने के लिए तीन दिन पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है। कुंभ क्षेत्र में प्रवेश के लिए सात एंट्री पॉइंट हैं, जहां एंटीजन टेस्ट और थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है।
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