न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
कोरोना वायरस का संक्रमण रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार पर चल रहा है। सभी सरकारें इससे बचने के लिए विभिन्न प्रतिबंधों का सहारा ले रही हैं। महाराष्ट्र ने हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए बुधवार को इस महीने के अंत तक लगभग लॉकडाउन लगा दिया है, हालांकि इसे लॉकडाउन कहा नहीं जा रहा। देश के कई राज्यों से प्रवासी कामगार अपने घरों को लौटने लगे हैं, लेकिन उनकी संख्या उतनी नहीं है जितनी पिछले साल थी।
महाराष्ट्र में बुधवार रात से 15 दिन के लिए लगाए गए लॉकडाउन को ‘ब्रेक द चेन’ नाम दिया गया है। उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं भी टाल दी हैं। जरूरी काम के बगैर लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। राज्य सरकार लॉकडाउन के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर के मजदूरों और परमिट वाले रिक्शा चालकों को 1500 रुपए की मदद देगी। इसी तरह अगले एक महीने तक शिव भोजन योजना के तहत गरीबों को मुफ्त भोजन दिया जाएगा। अन्य राज्य भी नाइट कर्फ्यू और अन्य प्रतिबंध लगा रहे हैं।
कई राज्यों में वैक्सीन, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर बेडों की कमी देखी जा रही है। इसके साथ ही नई वैक्सीन को मंजूरी देने का काम तेजी पर है। इसमें सबसे पहले रूस की स्पूतनिक-वी को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूर किया गया है। हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने पिछले सप्ताह सरकार से स्पूतनिक-वी के लिए मंजूरी मांगी थी। आरडीआईएफ यानी रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने पिछले साल सितंबर में डॉ. रेड्डीज से भारत में क्लीनिकल ट्रायल के लिए पार्टनरशिप की थी। इस वैक्सीन को 9.1.6 फीसदी प्रभावी माना गया है। यूएई, भारत, वेनेजुएला और बेलारूस में इसके तीसरे चरण के परीक्षण चल रहे हैं। वैसे करीब 20 अलग-अलग वैकंसीन क्लीनिकल और प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं।
देश में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की बनाई कोविशील्ड और भारत बायोटेक-आईसीएमआर की कोवैक्सीन को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। करीब तेरह करोड़ लोगों को ये वैक्सीनें लगाई भी जा चुकी हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों को दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत को देखते हुए इसके निर्यात पर रोक लगा दी। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का भी निर्यात नहीं हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब में स्थिति का जायजा लेने के लिए विशेषज्ञ दल भेजे गए हैं जो पता लगाएंगे कि आखिर किन कारणों से संक्रमण बेलगाम हो रहा है।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एड़नेम गेब्रियेसस ने कहा है कि इस महामारी का अंत अभी काफी दूर है। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य संबंधी कड़े कदम उठा कर कुछ महीनों में इस पर काबू पाया जा सकता है। फिर भी उन्होंने आगाह किया कि कोरोना वायरस का अंत दूर है।
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