न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

दिल्ली सरकार उन लोगों के परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुआवजा देगी, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित थे और जिनकी जान ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है। इससे पहले सरकार ने कोविड-19 के कारण मरने वाले हर व्यक्ति के लिए उसके परिवार को 50000 मुआवजे की घोषणा की थी। ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत का मुआवजा उसके अलावा होगा।

अरविंद केजरीवाल सरकार ने मुआवजे की रूपरेखा तैयार करने के लिए छह डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी वह फॉर्मूला बनाएगी जिसके आधार पर अधिकतम पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। कमेटी को संबंधित अस्पताल की ऑक्सीजन सप्लाई, स्टॉक और भंडारण से संबंधित किसी भी दस्तावेज की जांच करने का अधिकार होगा। यह कमेटी हर हफ्ते अपनी रिपोर्ट दिल्ली के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को भेजेगी। दिल्ली सरकार ने मुआवजे का जो फैसला लिया है वह पचास हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपये तक होगा।

इस आदेश में कहा गया है कि कमेटी यह जांच करेगी कि नियमानुसार अस्पताल में ऑक्सीजन का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था या नहीं। ध्यान रहे कि पिछले महीने के शुरूआती दिनों में दिल्ली के गंगाराम अस्पताल और फिर बत्रा अस्पताल में कई मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हो गई थी। बत्रा अस्पताल में इस तरह मरने वालों में एक डॉक्टर भी था। इसके बाद ऑक्सीजन की कमी के ही कारण जयपुर गोल्डन अस्पताल में भी कई मरीजों की जान चली गई। उन दिनों शहर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे और ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी।

मगर मुआवजे के मुद्दे पर सवाल उठाया जा रहा है कि ऑक्सीजन न मिलने से मौत की पुष्टि कैसे होगी? अस्पतालों किसी के मृत्यु प्रमाणपत्र पर यह नहीं लिखा है कि मौत ऑक्सीजन कमी से हुई। इसके अलावा जो मौतें अस्पतालों के बाहर हुई हैं उनका क्या होगा। उनके बारे में सरकारी दस्तावेजों में कोई जानकारी नहीं है।

बहरहाल, इस मामले में जो छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है उसके अध्यक्ष मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉ. नरेश कुमार होंगे। इसमें स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से भी दो अधिकारियों को शामिल किया है। इस कमेटी की बैठक सप्ताह में दो बार होगी। बैठक में वह दिल्ली सरकार के नर्सिंग होम सेल से प्राप्त शिकायतों पर चर्चा करेगी। इसके अलावा वह अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई के दस्तावेज इत्यादि की जांच करेगी।