न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
माना जा रहा है कि भविष्य में उत्तर प्रदेश में दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों को कई तरह की सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए वह मध्यप्रदेश, असम और राजस्थान आदि राज्यों में लागू ऐसे कानूनों का अध्ययन कर रहा है। साथ ही वह उत्तर प्रदेश की सामाजिक परिस्थितियों का आंकलन भी कर रहा है।
हाल ही में ऐसा कानून असम में लागू किया गया है। वहां के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुछ ही दिन पहले घोषणा की थी कि उनकी सरकार क्रमिक रूप से दो बच्चों की नीति लागू करेगी। यह अलग बात है कि असम में हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार अभी-अभी बनी है जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनावों का सामना करने जा रही है। लेकिन माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में ऐसा कानून लाने की तैयारी अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए योगी सरकार की रणनीति का हिस्सा भी हो सकती है।
राज्य विधि आयोग जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए कई पहलुओं पर विचार कर रहा है। जानकार लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा संभावना इस बात की है कि आयोग उन लोगों को कई तरह की सरकारी सुविधाओं से वंचित करने की सिफारिश करेगा जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। ये सुविधाएं क्या हो सकती हैं, सबसे ज्यादा मंथन इसी पहलू पर हो रहा है। इनमें राशन और कुछ सब्सिडी वाली योजनाओं के नाम लिए जा रहे हैं।
यह भी विचार किया जा रहा है कि क्या राज्य सरकार की नौकरियों को इस कानून के दायरे में लाया जा सकता है। यह भी सोचा जा रहा है कि इसे कब से लागू किया जाए। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एलएन मित्तल इतना तो कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर असल, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कानूनों का अध्ययन शुरू कर दिया गया है। लेकिन वे कहते हैं कि सिफारिशें देने से पहले तमाम संबंधित पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। इसमें रोजगारी और भुखमरी की स्थितियों के पहलू भी शामिल हैं। मगर जस्टिस मित्तल का साफ तौर पर कहना था कि बढ़ती आबादी पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि यह राज्य में समस्या पैदा कर रही है।
लेकिन इसी बीच पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम से इस मामले में एकदम विपरीत खबर आई। मिजोरम के एक मंत्री ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक बच्चे पैदा करने वाले परिवार को एक लाख रुपये नकद प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। वे चाहते हैं कि मिजो समुदायों को अपनी आबादी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाए क्योंकि उनकी आबादी कम है।
मिजोरम के खेल मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रोयते ने यह घोषणा की। इस रविवार ‘फादर्स डे’ के मौके पर उन्होंने घोषणा की कि वह अपने आइजोल पूर्वी-दो विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बच्चों वाले वाले पुरूष या महिला को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि देंगे। अगले दिन यानी सोमवार को उन्होंने एक बयान में कहा कि पुरस्कृत होने वाले व्यक्ति को एक प्रमाणपत्र और एक ट्रॉफी भी दी जाएगी। माना जा रहा है कि प्रोत्साहन राशि का भार मंत्री के बेटे की एक कंस्ट्रक्शन कंसल्टेंसी कंपनी उठाएगी। रोयते ने बयान में यह भी कहा कि मिजो समुदाय में जनसंख्या वृद्धि की दर कम है जो कि गंभीर चिंता का विषय है।
उनका कहना था कि मिजोरम में कई मिजो जनजातियां रहती हैं। अरूणाचल प्रदेश के बाद मिजोरम का जनसंख्या घनत्व ही सबसे कम है। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई राज्य जनसंख्या नियंत्रण पर जोर रहे हैं और इस बाबत कानून बना रहे हैं।
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