न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को उद्योग जगत के प्रति अपनी टिप्पणियों को लेकर भारी आलोचना का सामना करना पड़ा। उनकी टिप्पणियां खास तौर पर टाटा समूह के खिलाफ थीं। वे सीआईआई यानी कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ की सालाना बैठक में बोल रहे थे।

पीयूष गोयल का कहना था कि कुछ कंपनियां राष्ट्रहित की अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स पॉलिसी में प्रस्तावित बदलावों पर टाटा समूह के ऐतराज से उनको बहुत दुख हुआ है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि घरेलू कंपनियों को सिर्फ अपना मुनाफा नहीं देखना चाहिए। उन्हें देश के कानूनों से खिलवाड़ भी नहीं करना चाहिए। गोयल ने कहा कि उन्होंने इस बारे में अपना रुख टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को भी बता दिया है।

इसके दो दिन बाद शनिवार को खबर आई कि सरकार ने सीआईआई के कार्यक्रम में पीयूष गोयल के बयानों वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने के लिए कहा है। बताया गया कि मंत्री के भाषणों वाले जो दो वीडियो पत्रकारों के साथ शेयर किए गए थे, उनको प्राइवेट करार देकर ब्लॉक कर दिया गया।

विपक्षी दलों ने उनके इस भाषण की निंदा की। शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उद्योग जगत के दिग्गजों के खिलाफ ऐसी भाषा का प्रयोग करना और उनके कामों को राष्ट्रहित के विरुद्ध बताना शर्मनाक है। कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी पीयूष गोयल के बयान को अशोभनीय बताया। दूसरी तरफ कैट यानी कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने मंत्री के रुख का स्वागत किया और कहा कि ई-कॉमर्स नियमों के खिलाफ टाटा समूह का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है।

पिछले महीने यह खबर आई थी कि टाटा समूह ने जुलाई में हुई एक बैठक में ई-कॉमर्स पॉलिसी में प्रस्तावित बदलावों के कुछ पहलुओं का विरोध किया था। उसने कहा था कि प्रस्तावित फेरबदल उसके कारोबार के लिए नुकसानदेह है और इनके चलते स्टारबक्स जैसे ज्वाइंट वेंचर पार्टनर टाटा की शॉपिंग वेबसाइट पर अपने प्रॉडक्ट नहीं बेच पाएंगे।

वैसे पीयूष गोयल ई-कॉमर्स क्षेत्र में विदेशी निवेश के नियमों की कथित अनदेखी को लेकर अमेजन और फ्लिपकार्ट की भी आलोचना करते रहे हैं। पिछले ही हफ्ते उन्होंने इन दोनों कंपनियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से कॉम्पटीशन को दबाने के आरोपों की जांच की इजाजत मिलने का संसद में स्वागत किया था। इस मामले में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का भी जिक्र किया था।