न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
अमिताभ पाराशर
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह बिहार में अगला लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। इसका मतलब हुआ कि बिहार में राजद और कांग्रेस का गठबंधन टूट गया है। दोनों पार्टियों ने पिछला विधानसभा चुनाव मिल कर लड़ा था।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास का कहना है कि अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बिहार में अकेले लड़ेगी। दूसरी ओर राजद के नेता कांग्रेस को गठबंधन धर्म का पाठ पढ़ा रहे हैं। दोनों पार्टियों के बीच यह नोकझोंक विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव को लेकर शुरू हुआ है। बिहार की दो विधानसभा सीटों कुशेश्वरस्थान और तारापुर पर उपचुनाव में दोनों पार्टियों ने अपने अलग अलग उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं।
य़ह नौबत इसलिए आई कि दोनों के बीच इन सीटों पर साझा उम्मीदवार पर बात नहीं बन सकी। कांग्रेस का कहना था कि कुशेश्वरस्थान सीट पर पिछली बार यानी बिहार विधानसभा चुनाव के समय उसका उम्मीदवार खड़ा हुआ था जो कि सात हजार वोटों से हारा था। इसलिए उस सीट पर कांग्रेस का दावा है। लेकिन राजद इस सीट को छोड़ने के तैयार नहीं हुई जिसके बाद कांग्रेस ने तारापुर सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया।
दोनों दलों के नेता इस मामले में एक दूसरे के विरुद्ध बोल रहे हैं। इस चक्कर में हुआ यह है कि अब इन दोनों सीटों का उपचुनाव जदयू और भाजपा से ज्यादा राजद और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का मामला बन गया है। राजद के नेता कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में हमने कांग्रेस को जरूरत से ज्यादा सीटें दीं, जिनमें कांग्रेस ज्यादातर सीटों पर हार गई जिसकी वजह से राज्य में महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई।
असल में अब इन दोनों पार्टियों को यह साबित करना है कि इन सीटों पर कौन एक दूसरे से आगे है। चुनाव जीत नहीं पाने की हालत में भी दोनों के बीच इस बात की होड़ रहेगी कि दूसरे नंबर पर कौन रहता है। कांग्रेस की ओर से प्रभारी भक्त चरण दास खुद बिहार में ही हैं। उन्होंने बिहार के लगभग सभी कांग्रेसी नेताओं को इस उपचुनाव में झोंक दिया है। दूसरी ओर तेजस्वी यादव की साख बचाने के लिए लालू प्रसाद पटना पहुंच गए हैं। जाहिर है कि 30 अक्टूबर को होने वाले इन उपचुनावों के नतीजों से बिहार की राजनीति फिर बदल सकती है।
इस बीच, लालू प्रसाद के भक्त चरणदास पर दिए बयान को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने ऐतराज उठाया है। विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा के मुताबिक लालू प्रसाद ने अपशब्दों का प्रयोग किया और कांग्रेस इसकी भर्त्सना करती है। कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख राजेश राठौड़ ने कहा कि लालू यह नहीं समझ पा रहे कि कांग्रेस के उन्नीस विधायकों के समर्थन के बगैर उनके बेटे तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने सवाल किया कि क्या लालू कांग्रेस से दूर जदयू या भाजपा के साथ जाकर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के सपने देख रहे हैं। (आभार – समय की चर्चा )
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