न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

फेसबुक इंडिया ने दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के सामने पेश होने के लिए चौदह दिन का समय मांगा है। विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली यह समिति फरवरी 2020 में दिल्ली में फैले सांप्रदायिक वैमनस्य और उसके कारण हुई हिंसा की जांच कर रही है। उसने फेसबुक से हिंसा और वैमनस्य को बढ़ावा दे सकने वाली झूठी, भड़काऊ और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट को रोकने के बारे में अपना रुख बताने के मकसद से अपना प्रतिनिधि भेजने का कहा था।

समिति इस मामले में कई गवाहों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें पत्रकार और डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता भी शामिल थे। तय किया गया है कि समिति के कामकाज में पारदर्शिता के लिए उसकी कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए। समिति ने 27 अक्टूबर 2021 को फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया था। उसे 2 नवंबर की दोपहर तक अपने प्रतिनिधि भेजने को कहा गया था। इस पर फोसबुक ने दो हफ्ते का समय मांगा है। उसने कहा है कि उपयुक्त प्रतिनिधि का चयन करने के लिए उसे समय चाहिए। समिति ने फेसबुक को इसके लिए 18 नवंबर तक का समय दिया है।

फेसबुक से अपना प्रतिनिधि भेज कर समिति के सामने झूठे पोस्ट व वीडियो के प्रसार को रोकने में नाकामी के लिए जवाब देने को कहा गया था। फेसबुक को भेजे पत्र में कहा गया है कि समिति देखना चाहती है कि सोशल मीडिया कंपनी की ऐसी पोस्ट को रोकने में क्या भूमिका है। राजधानी में लाखों लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। समिति ने फेसबुक से कहा है कि उसके सामने ऐसे वरिष्ठ अफसर को भेजे जो निर्णय लेने का अधिकार रखता हो और जो इस मामले से पूरी तरह वाकिफ हो। पत्र में कहा गया है कि अगर फेसबुक के प्रतिनिधि तय तारीख पर पेश नहीं होते तो इसे विधानसभा के अधिकारों का हनन माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई इस हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस समेत कई सरकारी एजेंसियां भी कर रही हैं। दिल्ली विधानसभा ने यह जांच इस समिति को सौंपी है। इस समिति का गठन दंगों के बाद किया गया था। दंगों की जांच के साथ ही यह समिति हालात को शांत करने और धार्मिक समुदायों व भाषाई समुदायों के बीच सद्भाव बहाली के उपायों की सिफारिश भी करेगी।