न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सुशील कुमार सिंह
महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान की सरकारों के कोरोना से मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने सभी राज्यों को एक हफ्ते के भीतर यह मुआवजा देने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा नहीं करने पर अदालत कड़ी कार्रवाई करेगी।
जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बाबत एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। असल में अदालत ने सभी राज्यों से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और अदालत में रिपोर्ट पेश देने को कहा था। सुनवाई के दौरान अदालत ने सबसे खराब स्थिति राजस्थान की पाई। जस्टिस शाह ने कहा, हमें लगता है कि राजस्थान सरकार कुछ छिपा रही है।
पीठ का कहना था कि कितने लोगों को मुआवजा दिया और कितने लोगों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया, राजस्थान सरकार ने अब तक इसकी जानकारी नहीं दी। उसने मुआवजा देने के लिए विज्ञापन जारी करने की भी सूचना अदालत को नहीं दी। राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि आप पीड़ित परिवारों के प्रति गंभीर नहीं हैं। एक हफ्ते में सभी पीड़ित परिवारों को मुआवजा दें और बताएं कि कितने आवेदन आए और कितनों को मुआवजा दिया गया।
अदालत ने केरल सरकार को भी फटकारा और कहा कि आप जैसे कल्याणकारी राज्य से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी। केरल में 40825 लोग कोरोना से मरे हैं और अब तक महज 528 लोगों को मुआवजा मिल सका है। जस्टिस शाह ने कहा कि इससे पता लगता है कि आप पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशील नहीं हैं।
पिछली सुनवाई पर अदालत ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, केरल, जम्मू कश्मीर, बंगाल और तेलंगाना आदि राज्यों को नोटिस जारी कर उनसे इस मुआवजे से संबंधित आंकड़े अदालत में पेश करने को कहा था। इस बार राज्यों की रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए अदालत ने कहा, निर्देश के बावजूद पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिल रहा। हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी।
महाराष्ट्र में कोरोना से 141025 लोग मरे जबकि मुआवजा करीब 12 हजार परिवारों को ही दिया गया। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार के वकील से कहा कि अगर अधिकारी आपकी नहीं सुन रहे तो हमें पता है कि वे कैसे आपकी सुनेंगे। उसने कहा कि राज्य सरकार से कह दीजिएगा कि हम जो कह रहे हैं उसे सरकार अनसुना न करे।
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