न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
एनएन कौल
नए साल में यानी 2022 में देश में संचार की 5जी सेवाएं मिलने लगेंगी। सरकार आगामी मार्च व अप्रैल महीने में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी जिसके बाद इन सेवाओं का रास्ता खुल जाएगा। मगर शुरू में ये सेवाएं केवल बड़े शहरों में ही उपलब्ध होंगी।
पिछले सितंबर में दूरसंचार विभाग ने ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया से स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य, बैंड योजना, ब्लॉक साइज, स्पेक्ट्रम उपलब्धता आदि को लेकर सिफारिशें देने को कहा था। इस बीच भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने गुरुग्राम, बेंगलुरु, कोलकाता, मुंबई और चंडीगढ़ में 5जी के परीक्षण की तैयारी कर ली है। माना जा रहा है कि 5जी की शुरुआत दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गुरुग्राम, बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, जामनगर, लखनऊ और गांधीनगर और शहरों से की जाएगी।
इस बीच दूरसंचार विभाग के खर्चे पर 5G परीक्षण परियोजना लगभग डेढ़ साल बाद अब लगभग पूरी हो गयी है। इस परीक्षण में लगी एजेंसियों में आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी मद्रास, आईआईटी कानपुर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू, सोसायटी फॉर एप्लॉयड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च और सेंटर फॉर एक्सिलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी शामिल थीं। इस परियेजना पर सरकार ने करीब 224 करोड़ रुपए खर्च किए।
माना जा रहा है कि 5जी सेवाओं के आने से मोबाइल फोन की दुनिया और बदल जाएगी। पहली बात तो यह कि इसकी स्पीड 4जी से करीब दस गुना तेज बताई जा रही है। इससे देश में ई-गवर्नेंस का विस्तार होगा। कोरोना काल में ज्यादातर लोग इंटरनेट पर ही निर्भर थे। इसे देखते हुए, 5जी के आने से सभी को लाभ होने की उम्मीद है।
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