न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
दुनिया भर के डेंटिस्ट सेंसोडाइन इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं या यह दुनिया का नंबर एक सेंसिटिवटी टूथपेस्ट है। इस तरह के दावों वाले विज्ञापनों पर सीसीपीए य़ानी सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने रोक लगा दी है। उसने इन विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए कंपनी पर दस लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
ये विज्ञापन टेलीविजन, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर आदि तमाम प्लेटफार्म पर दिखाए जा रहे थे। इस मामले में सीसीपीए ने स्वयं संज्ञान लेकर कार्रवाई की। पिछली 9 फरवरी को एक आदेश में सीसीपीए ने सेंसोडाइन के ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कहा गया था जिसमें कहा गया कि भारत से बाहर यूके के डेंटिस्ट भी सेंसोडाइन के रैपिड रिलीफ और फ्रेश जेल को अपनाने की सलाह देते हैं।
बहरहाल, अब उन विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है जिनमें सेंसोडाइन को दुनिया का नंबर एक सेंसिटीविटी और क्लीनिकली प्रमाणित टूथपेस्ट बताया गया है जो 60 सेकंड में राहत देता है। इस टूथपेस्ट को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर लिमिटेड नामक कंपनी बनाती है।
विज्ञापनों में जो दावे किए गए थे उनके पक्ष में कंपनी ने दो बाजार सर्वेक्षण प्रस्तुत किए। लेकिन सीसीपीए ने अपनी छानबीन में पाया कि ये दोनों सर्वे केवल भारत के डेंटिस्ट की राय पर आधारित हैं। इसके बीद सीसीपीए ने इस कंपनी को सात दिनों के भीतर अपने विज्ञापन बंद करने के लिए कहा।
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