न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
एक सर्वे में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी ने करीब 80 प्रतिशत संभावित ग्राहकों को कार खरीदने का फैसला टालने के लिए मजबूर कर दिया। इसी तरह दोपहिया वाहन यानी बाइक और स्कूटी आदि खरीदने की इच्छा रखने वाले 82 फीसदी लोग पीछे हट गए।
मोबिलिटी आउटलुक नामक एजेंसी ने अपने एक सर्वे में यह दावा किया है। इसके हिसाब से इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति बढ़ते रुझान के बीच करीब 40 प्रतिशत लोग इस साल दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की इच्छा रखते हैं जबकि चारपहिया इलेक्ट्रिक वाहन के मामले में यह हिस्सा पिछले साल की तरह 33 प्रतिशत ही है।
बताया गया है कि सर्वे में करीब 2.56 लाख संभावित ग्राहकों से बात की गई। पता लगा कि इनमें से करीब 80 फीसदी लोगों ने महामारी के प्रभाव की वजह से कार खरीदने की योजना टाल दी। दोपहिया वाहनों के मामले में खरीद टालने वाले लोगों की संख्या 82 फीसदी रही।
जानकारों के मुताबिक यह सर्वेक्षण नए वाहनों की खरीद को लेकर सकारात्मक धारणा की तरफ संकेत करता है, लेकिन उनके फैसले को कई चीजें प्रभावित करती हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि इस साल 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो पुराने वाहन खरीदने की सोच रहे हैं। पिछले साल ऐसे लोग 14 प्रतिशत ही थे। इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी के पीछे भी कोरोना को ही प्रमुख कारण माना जा रहा है।
इस साल वाहन खरीद का फैसला टालने वाले लोगों का अनुपात बढ़ा है। इससे साफ है कि कोरोना के दुष्प्रभावों से उबरने में अभी लोगों को समय लगेगा। इस सर्वे के मुताबिक कार खरीदने की इच्छा रखने वाले 18 प्रतिशत लोग निजी बचत से वाहन खरीदना चाहते हैं, जबकि पिछले साल यानी 2021 में यह संख्या 14 प्रतिशत थी।
दोपहिया वाहनों के 40 प्रतिशत संभावित खरीदार इलेक्ट्रिक वाहन लेने की सोच रहे हैं। एक साल पहले यह अनुपात 37 प्रतिशत पर था। वहीं चारपहिया वाहन के मामले में यह अनुपात 33 प्रतिशत पर ही टिका हुआ है। इस रिपोर्ट का मानना है कि खरीदारों को अब लगने लगा है कि इलेक्ट्रिक वाहन भी परंपरागत वाहनों से मुकाबला कर सकते हैं और वे किफायती भी होंगे। यह अलग बात है कि चार्जिंग सुविधाओं को लेकर अभी भी वे पूरी तरह भरोसे में नहीं हैं।
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