कोरोना के चलते पिछले सात महीने से ज्यादातर प्राईवेट सेक्टर और मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं जिसे ‘वर्क फ्रॉम होम’ कहा जाता है। कुछ कंपनियों को यह व्यवस्था इतनी पसंद आई है कि वे इसे हमेशा के लिए अपनाना चाहती हैं। कुछ बड़ी कंपनियों ने तो अपने कर्मचारियों को ताउम्र घर से काम करने की छूट दे दी है।
इसकी शुरूआत सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने की थी। कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी ने कहा था कि हमारे कर्मचारी जब तक चाहें ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर सकते हैं। अब टेक कंपनी ड्रॉप बॉक्स ने भी कहा है कि उसके लगभग 3000 कर्मचारी हमेशा के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर सकेंगे। उसने कहा है कि कर्मचारी चाहें तो बीच बीच में दफ्तर भी जा सकते हैं।
उधर फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि उनकी कंपनी के करीब 50 फीसदी कर्मचारी अगले पांच से दस साल तक घर से ही काम करेंगे। उन्होंने कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह फैसला किया है। यह जरूर है कि फेसबुक के जिन कर्मचारियों का काम दफ्तर पहुंचे बिना नहीं हो सकता उन्हें तो दफ्तर जाना ही होगा।
हाल में सॉफ्टवेयर कंपनी ऑक्टा ने भी कुछ ऐसा ही ऐलान किया है। इस कंपनी में 9000 से कुछ ऊपर कर्मचारी काम करते हैं। बताया गया कि कंपनी के 85 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी अब हमेशा के लिए घर से काम कर सकेंगे। कोरोन से पहले कंपनी के 30 प्रतिशत कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ करते थे।
इन दिनों शॉपिफाई कंपनी के सभी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। पिछली मई में इस कंपनी ने कहा था कि वह 2021 में अपने दफ्तर फिर से खोलेगी, लेकिन ज्यादातर कर्मचारी दफ्तर से नहीं बल्कि घर से ही काम करेंगे। शॉपिफाई के सीईओ टोबी लुत्के कहते हैं कि अब दफ्तर से काम करने की जरूरत खत्म हो गई है।
ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी की दूसरी कंपनी स्क्वायर ने महामारी के खत्म होने के बाद भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है। स्क्वायर ने कहा है कि कर्मचारी को ऐसे वातावरण मे काम करना चाहिए जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो। अगर वे चाहें तो दफ्तर आकर काम करें, नहीं तो जब तक मन करे घर से ही काम करते रहें। कंपनी ने कहा कि पिछले कई महीनों से घर से काम करने से पता चला कि यह व्यवस्था तो लंबे समय तक चल सकती है।
रियल एस्टेट मार्केटप्लेस कंपनी ज़िलो भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे रही है। कंपनी को उम्मीद है कि उनमें से कई लोग घर से स्थायी रूप से काम कर सकते हैं। बाकी लोग महीने में एक या दो बार दफ्तर आ सकते हैं।
लेकिन यह मानना भी गलत होगा कि सभी लोग ‘वर्क फ्रॉम होम’ को पसंद कर रहे हैं। ब्रिजलैब्ज के एक सर्वे में पता चला कि वैसे तो अधिकांश आईटी इंजीनियर ‘वर्क फ्रॉम होम’ के पक्ष में हैं, लेकिन उनमें से 37 प्रतिशत ऐसे थे जो घर से काम करने में कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वे काम के घंटे बढ़ने से तनाव महसूस कर रहे हैं। इस सर्वे में ज्यादातर लोगों का कहना था कि घर से काम करने को संतुलित करने की जरूरत है। सर्वे में शामिल 58 फीसीद लोगों ने कहा कि संतुलन के लिए वे लगातार घरेलू कामों में हिस्सा लेते हैं।
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