अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा की है ताकि नए रोजगार का सृजन हो सके। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे एक और राहत पैकेज और आत्मनिर्भर भारत अभियान का तीसरा चरण बताया। उन्होंने दावा किया कि ताजा आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं।
इस योजना के तहत सरकार दो साल तक एक हजार कर्मचारियों वाली संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी के तौर पर देगी। इसी तरह एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थानों में नए कर्मचारी के 12 प्रतिशत पीएफ योगदान पर सरकार दो साल तक सब्सिडी देगी।
वित्तमंत्री के मुताबिक सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठाएं। जो कर्मचारी पहले पीएफ के लिए पंजीकृत नहीं थे और जिनका वेतन पंद्रह हजार से कम है उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जिन लोगों के पास अगस्त से सितंबर तक नौकरी नहीं थी और बाद में पीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
इसी के साथ सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि 31 मार्च तक बढ़ा दी है। इस योजना के अंतर्गत 61 लाख लोगों को लाभ मिला है। वित्तमंत्री ने कहा कि कामत समिति की सिफारिश के आधार पर 26 दबावग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की गई है। इनमें स्वास्थ्य क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों में ईसीएलजीएस स्कीम का दूसरा चरण शुरू हो रहा है जिसका लाभ एमएसएमई को भी मिलेगा। इसमें मूलधन चुकाने के लिए पांच साल का समय दिया गया है।
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