एनएन कौल

अमेरिका की फार्मा कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन तैयार कर ली है जो कि तीसरे चरण के परीक्षणों में 90 फीसदी से अधिक प्रभावी साबित हुई है। फाइजर ने यह वैक्सीन जर्मनी की एक फर्म बायोएनटेक के साथ मिल कर बनाई है।

  इन दोनों ही कंपनियों ने दावा किया है कि उनकी बनाई वैक्सीन उन लोगों के इलाज में भी कामयाब रही है जिनमें कोरोना के लक्षण पहले से दिखाई नहीं दे रहे थे। इस दवा की घोषणा इस सोमवार की गई। फाइजर के चेयरमैन और सीईओ डॉ. अल्बर्ट बौरला का तो कहना था कि आज का दिन मानवता और विज्ञान दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें तीसरे चरण के परीक्षणों के पहले सेट में कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस को रोकने में खासी प्रभावी है।

  अल्बर्ट का कहना था कि जब कोरोना वायरस के संक्रमण की दर नित नए रिकॉर्ड बना रही है और जब पूरी दुनिया को जब वैक्सीन की तलाश है, ऐसे में हमें यह सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि सब कुछ उम्मीद के मुताबिक चला तो दोनों कंपनियों को नवंबर के आखिर तक इस वैक्सीन को बेचने की मंजूरी मिल जाएगी।

  वैक्सीन को लेकर फाइजर और उसकी सहयोगी कंपनी के दावों के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि जल्द ही वैक्सीन आएगी। इसकी रिपोर्ट 90 प्रतिशत प्रभावी है। यह अच्छी खबर है। ध्यान रहे कि अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव में कोरोना महामारी एक बड़ा मुद्दा रही है। ट्रंप की लगातार कोशिश रही थी कि किसी तरह कोरान की वैक्सीन उनके चुनाव से पहले आ जाए। एक बार तो उन्होंने घोषणा भी कर दी थी कि वैक्सीन राष्ट्रपति चुनाव से पहले अक्टूबर में ही आ जाएगी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं।

  बहरहाल, फाइजर और बायोएनटेक ने अपनी वैक्सीन का परीक्षण 94 संक्रमितों पर किया था। उनके दावे के हासिब से इनमें 90 फीसदी लोगों पर यह वैक्सीन कारगर साबित हुई है। इन संक्रमितों में कोरोना का कम से कम एक लक्षण जरूर था। वैसे यह वैक्सीन अभी परीक्षण के तीसरे चरण में ही है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही दुनिया भर में इसके इस्तेमाल का रास्ता साफ हो सकता है। (आभार – समय की चर्चा )