ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है। यूरोप और अन्य महाद्वीपों के कई अनेक देशों ने ब्रिटेन से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने भी इन उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है। आगामी गणतंत्र दिवस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मुख्य अथिथि रहने वाले हैं।

ब्रिटिश सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस के दो नए स्वरूपों के संक्रमण का पता लग चुका है। इनसे पहले के मुकाबले 70 फीसदी तेजी से संक्रमण फैलता है। ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि नया वायरस दो संक्रमितों में यह मिला जो हाल में दक्षिण अफ्रीका से लौटे। हैनकॉक ने कहा कि इन दोनों मरीजों में मिला वायरस का नया रूप ब्रिटेन में हाल ही में मिले वायरस के दूसरे स्वरूप से भी ज्यादा संक्रामक है। कुछ दिन पहले ब्रिटेन में कोरोना का जो नया स्वरूप मिला था उसके चार मरीज इस्राइल में मिले हैं। बुधवार को इस्राइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने यहां नए वायरस के संक्रमित मिलने की बात स्वीकारी है।

भारत में ब्रिटेन की उड़ानें रोके जाने के बाद पिछले करीब महीने भर से जो लोग वहां से आए अथवा लौटे हैं उनकी जांच की जा रही है। दिल्ली और नागपुर में वायरस के नए स्वरूप से संक्रमित एक-एक नया मरीज मिलने की खबरें आ रही हैं। ये दोनों लोग अस्पताल में हैं और उनकी विस्तृत जांच चल रही है।

इस बीच, माना जा रहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन को देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी जल्दी ही मिल सकती है। इसके लिए दो कंपनियों ने आवेदन किया है। कोरोना पर गठित टास्क फोर्स को मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट से लगभग सभी जरूरी दस्तावेज मिल गए। माना जा रहा है कि भारत में कोरोना वैक्सीन जनवरी से लोगों को लगनी शुरू हो सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी ऐसी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि जनवरी में भारत अपने नागरिकों को वैक्सीन देने की स्थिति में होगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगले साल अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने पर केंद्र सरकार 13 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इन सूत्रों के मुताबिक टीकाकरण के पहले चरण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

दिल्ली में वैक्सीन सुरक्षित रखने के लिए कई डीप फ्रीज़र पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार के राजीव गांधी अस्पताल में पहुंचाए गए हैं। कुल 90 डीप फ्रीजर इस अस्पताल में पहुंचने हैं। इन फ्रीजरों और अन्य संबंधित उपकरणों को स्थापित किया जा रहा है। यहां से दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों में वैक्सीन का वितरण होगा।