नरेश वत्स

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के संदर्भ में पंजाब में रिलायंस जियो का भी विरोध किया जा रहा है। इस चक्कर में कुछ लोग राज्य में जियो के मोबाइल टॉवरों के साथ तोड़फोड़ भी कर रहे हैं। ऐसी अनेक घटनाओं के सामने आने के बाद भाजपा ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से इसकी शिकायत की जिन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को राजभवन तलब किया। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है।

मुख्यमंत्री का कहना था कि राज्यपाल को राज्य का गृह विभाग मेरे पास होने के नाते मुझसे रिपोर्ट मांगनी चाहिए थी। इसकी बजाए अधिकारियों को राजभवन बुलाए जाने का कैप्टन ने कड़ा विरोध किया। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी राज्यपाल के फैसले पर अपना विरोध जताया था।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुताबिक मोबाइल टॉवरों पर हुई तोड़फोड़ की घटनाओं पर भाजपा की ओर से राज्य में कानून-व्यवस्था का मसला राज्यपाल के पास ले जाने के पीछे उसकी रणनीति कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन से ध्यान हटाने की है। यह शिकायत राजनीतिक ज्यादा है। कैप्टन ने कहा कि फिर भी, अगर राज्यपाल कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर इतने चिंतित हो उठे हैं तो उन्हें गृह विभाग मेरे पास होने के नाते सीधे मुझसे बात करनी चाहिए थी।

मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि टॉवर तो ठीक हो सकते हैं और ठीक किए जा रहे हैं, लेकिन उन किसानों का क्या, जिन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार की उदासीनता के चलते दिल्ली की सीमाओं पर अपने अधिकारों के लिए कड़ाके की सर्दी में जान गंवा दी। कैप्टन ने इस पर भी निराशा जताई कि आज तक किसी भी भाजपा नेता ने आंदोलनकारी किसानों की मौतों पर कभी कोई चिंता प्रकट नहीं की। उन्होंने पंजाब भाजपा से एक शांतिपूर्ण आंदोलन का राजनीतिकरण बंद करने को कहा। कैप्टन ने कहा कि किसानों पर नक्सली, खालिस्तानी जैसे शब्दों का कलंक लगाने की बजाय भाजपा को अपने केंद्रीय नेताओं से किसानों की आवाज सुनने और काले कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए दबाव डालना चाहिए।

इस बीच पंजाब में कृषि कानूनों के समर्थन में भाजपा के कार्यक्रमों का विरोध भी जारी है। लुधियाना में पिछले हफ्ते कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर भाजपा की रैली का निहंगों ने विरोध किया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने निहंगों को हिरासत में लिया। भाजपा ऐसे और भी कार्यक्रम करने वाली है। पंजाब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि किसानों की आड़ में कुछ शरारती लोग फायदा उठाकर माहौल खराब कर रहे हैं।

इसी बीच आम आदमी पार्टी में पंजाब के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने पिछले हफ्ते पंजाब का दौरा किया और कहा कि किसानों ने अब भाजपा नेताओं को उनकी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए कानूनी नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। असल में आम आदमी पार्टी इस मामले में किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता और सलाह मुहैया करवा रही है। सबसे पहले तीन कानूनी नोटिस गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव को भेजे गए हैं। राघव चड्ढा के मुताबिक कि बीस से ज्यादा भाजपा नेताओं ने कथित तौर पर किसानों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। चड्ढा ने फिरोजपुर में आढ़तियों के साथ मुलाकात भी की और कहा कि केंद्र सरकार की ओर से बदले की भावना से आयकर विभाग से आढ़तियों पर छापे मारे गए हैं। चड्ढा ने पंजाब आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष और मंडी बोर्ड के उपाध्यक्ष विजय कालड़ा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह बराड़ के घर जाकर उनसे मुलाकात भी की। (आभार – समय की चर्चा)