कोरोना महामारी के बीच ही देश भर में लगभग डेढ़ लाख पक्षियों की मौत के बाद कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। ये राज्य हैं हिमाचल, मध्यप्रदेश और केरल। इनके अलावा राजस्थान और गुजरात भी पक्षियों की मौत के बाद अलर्ट पर हैं जबकि हरियाणा में भी हालात खासे संदिग्ध बताए जाते हैं।
केरल के अलापुझा व कोट्टायम जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद 50 हजार बत्तखों को मारने का आदेश दिया गया है। राज्य में 12 हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है। उधर हिमाचल में दो हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी अब तक मृत मिल चुके हैं। इसी तरह राजस्थान के कई जिलों में सैकड़ों पक्षियों की मौत की खबरें आ रही हैं।
मध्यप्रदेश के खंडवा में तीन दिन में 70 से ज्यादा बगुलों की मौत हो चुकी है। इससे पहले मंदसौर में 100, इंदौर में 70 और खरगोन में 30 से ज्यादा कौओं की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग के मुताबिक राज्य में राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों से बर्ड फ्लू आया है। इंदौर, मंदसौर, खरगोन, उज्जैन, देवास, नीमच और सीहोर में कौए मृत पाए गए हैं। इंदौर और मंदसौर से बर्ड फ्लू की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सभी जिलों से कहा गया है कि कोई पक्षी मृत मिले तो उसके सैंपल भोपाल भेजें। पॉल्ट्री फॉर्मों के भी सैंपल लेने कहा गया है।
हरियाणा में केवल पंचकुला में अब तक 70 हजार से ज्यादा मुर्गियों की मौत हुई है। वहां बरवाला के रायपुररानी क्षेत्र में केवल दो फार्मों में इतनी मुर्गियों के मरने की खबर मिली। कहा जा रहा है कि लगभग एक महीने पहले ही बीमारी की शिकायत मिलने लगी थी, लेकिन इन खबरों को दबाया गया।
राजस्थान के कई जिलों में बड़ी संख्या में कौवों की मौत के मामले में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हो गई है। इसीलिए राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। जिन जिलों में यह समस्या सबसे ज्यादा दिखी, वे हैं झालावाड़ और जयपुर। राज्य के पशुपालन विभाग ने इस सिलसिले में बाकायदा एक कंट्रोल रूम बनाया है और अपनी कई टीमों को प्रभावित जिलों में निगरानी के लिए भेजा है।
भरतपुर में विश्व विरासत राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में अलर्ट जारी किया गया है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों के हिसाब से बर्ड फ्लू के चलते गाइडलाइन और एडवाइजरी जारी कर दी गई है ताकि पक्षियों में फैल रही बीमारी से निपटा जा सके।
जयपुर में इस रविवार प्रसिद्ध जल महल में सात मृत कौवे मिलने के बाद से कई जगह से सैकड़ों कौवों के मरने की खबर आ चुकी है। राज्य के पशुपालन विभाग का कहना है कि बर्ड फ्लू से मुख्य रूप से कौवे मरे हैं। अधिकारियों के मुताबिक सबसे पहले 25 दिसंबर को झालावाड़ में कौवों के मरने की सूचना मिली। उनके सैंपल जांच के लिए भोपाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिसीज में भेजे गए। लेकिन अब तो झालावाड़, बारां, कोटा, पाली, जोधपुर और जयपुर में भी मृत कौवे मिल चुके हैं। जोधपुर में इनकी संख्या सबसे ज्यादा थी। कोटा में भी बर्ड फ्लू को लेकर खासी दहशत है। राजस्थान सरकार को इस मामले में उन हजारों पक्षियों की भी चिंता है जो विभिन्न देशों से शीतकालीन प्रवास के लिए राज्य में आए हुए हैं। सांभर झील त्रासदी के समय भी सबसे अधिक विदेशी पक्षी ही बीमारी की चपेट में आए थे।
इसी तरह हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम अभयारण्य में पिछले करीब हफ्ते भर में एक हजार से ज्यादा प्रवासी पक्षी मरे हुए मिल चुके हैं। हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच रूस, चीन और मध्य एशिया के अन्य देशों से अनेक प्रजातियों के रंगबिरंगे पक्षी लंबी उड़ान भर कर इस अभयारण्य में पहुंचते हैं। इनकी वजह से यहां पर्यटकों का भी तांता लगा रहता है। लेकिन इन पक्षियों की अचानक मौत के कारण हिमाचल के वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए झील में सभी प्रकार की गतिविधियां रोक दी हैं।
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