न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा। इनमें से ज्यादातर विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इनमें सबसे नया नाम दीपक हलदर का है जो डायमंड हार्बर से विधायक हैं। हलदर ने इस सोमवार तृणमूल छोड़ी और अगले ही दिन भाजपा में शामिल हो गए।
उनसे तीन दिन पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी और विधायक बैशाली डालमिया व प्रबीर घोषाल ने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ली थी। उनके साथ हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती, रानाघाट के पूर्व मेयर पार्थसारथी चटर्जी और अभिनेता रूद्रनील घोष भी भाजपा में गए हैं। भाजपा की सदस्यता लेने से कुछ देर पहले ही इन सभी की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। इन सभी नेताओं ने तृणमूल से पहले ही विदाई ले ली थी और वे भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और सांसद मुकुल रॉय के साथ दिल्ली पहुंचे थे।
राजीब बनर्जी ने एक ही दिन पहले तृणमूल कांग्रेस से किनारा किया था। इससे पहले 22 जनवरी को उन्होंने वन मंत्री का पद छोड़ा था। राजीब हावड़ा जिले के डोमजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इसी प्रकार प्रबीर घोषाल ने 6 जनवरी को हुगली जिले की कोर कमेटी और प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था। वे उत्तरपाड़ा से विधायक हैं। कुछ समय से प्रबीर घोषाल तृणमूल कांग्रेस के तौर तरीकों पर सवाल उठा रहे थे।
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने खुद ही अपनी विधायक बैशाली डालमिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया। बल्ली विधानसभा सीट से विधायक बैशाली डालमिया पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया। हाल ही में उन्होंने कहा था कि पार्टी में ईमानदार और कर्मठ लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। बैशाली डालमिया असल में दिवंगत जगमोहन डालमिया की बेटी हैं जो कि बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे थे।
इस तरह पिछले लगभग महीने भर में ममता बनर्जी सरकार के तीन मंत्री पद छोड़ चुके हैं। दिसंबर में ममता के खासे करीब रहे शुभेंदु अधिकारी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इसके बाद लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इस्तीफा दिया जो खेल और युवा मामलों के मंत्री थे और फिर राजीब बनर्जी ने जो वन मंत्री थे। इनमें से शुभेंदु के साथ सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और दस विधायक भी भाजपा में गए। इन विधायकों में से पांच तृणमूल कांग्रेस के थे।
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