न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए अगले चरण में छह से दस हवाईअड्डों का निजीकरण किया जाएगा। नागरिक विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के मुताबिक दूसरे चरण की शुरूआत आगामी अप्रैल में होगी।

उनका कहना था कि सरकार ने निजीकरण में शामिल किए जाने वाले हवाईअड्डों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये हवाईअड्डे निजी कंपनियों को पचास साल के लिए दिए जाएंगे। ये कंपनियां ही इन हवाईअड्डों को चलाएंगी।

नागरिक विमानन सचिव का कहना था कि नए टेंडर में मुनाफे और नुकसान वाले हवाईअड्डों को पैकेज के तौर पर एकसाथ जोड़ा जाएगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में पेश किए बजट में लीज के आधार पर हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव दिया था। सरकार अब तक दो चरणों में छह हवाईअड्डे प्राइवेट सेक्टर को दे चुकी है। इनमें लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मेंगलुरु शामिल हैं।

खरोला ने कहा कि जब मांग और क्षमता इस्तेमाल सामान्य स्तर से ऊपर हो जाएगा तो फेयर प्राइस बैंड खत्म कर दिया जाएगा। अभी मान्य क्षमता का 80 प्रतिशत ही इस्तेमाल हो रहा है। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर प्राइस कैप लगाया था जो पिछली 21 मई को लागू हुआ।