न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
पिछले हफ्ते केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च किया। इसे रॉमैट टेक्नो सॉल्यूशन और टोमासेटो एकाइल इंडिया ने मिल कर बनाया है। इसके इस्तेमाल से किसानों को ईंधन के खर्च में सालाना एक से डेढ़ लाख रुपए तक की बचत हो सकने का दावा किया गया है।
नितिन गड़करी का कहना था कि उनके मंत्रालय ने सीएनजी ट्रैक्टर के मानक निर्धारित किए हैं। इनके लागू होने बाद कोई भी कंपनी उन मानकों के आधार पर ट्रै्क्टर बना कर बाजार में ला सकती है। मंत्री ने कहा कि किसान अगर दिन-रात ट्रैक्टर को ढुलाई में इस्तेमाल करे तो साल भर में 3.50 लाख रुपए डीजल पर खर्च करता है। इसी तरह खेती में उस पर एक साल में लगभग 2.25 से 2.50 लाख रुपए खर्च करता है। सीएनजी ट्रैक्टर से उसे सीधे 55 फीसदी की बचत होगी। इससे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
मंत्री के मुताबिक इससे प्रदूषण में भी कमी आएगी। डीजल ट्रैक्टर जहां 70 प्रतिशत प्रदूषण करता है, वहीं सीएनजी ट्रैक्टर सिर्फ 15 फीसदी प्रदूषण करेगा। गडकरी ने कहा कि बायो-सीएनजी की मदद से इसे और भी कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पराली से बायो-सीएनजी बनाने से देश भर के किसानों की 1500 करोड़ की कमाई होगी।
जो सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च किया गया है वह असल में पहले डीजल ट्रैक्टर था जिसे सीएनजी में बदला गया है। गडकरी ने कहा कि इस किट को किसी भी डीजल ट्रैक्टर में लगा कर उसे सीएनजी में बदला जा सकेगा। इसके लिए देश भर में कन्वर्जन सेंटर खुलेंगे। फिलहाल इस किट में कुछ विदेशी पुर्जे भी हैं। मगर ये पुर्जे भारत में भी बनने लगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी वाहन को सीएनजी में बदलने से वह ज्यादा दिन चलता है।
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