न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

संजय चतुर्वेदी

लॉकडाउन के बाद अब जब सभी उद्योग धंधे सामान्य रूप से चल रहे हैं तो सरकार ने पूरा जोर जीएसटी संग्रह पर लगाया हुआ हैl जीएसटी का रिकॉर्ड संग्रह इस वर्ष जनवरी में 1.2 लाख करोड़ रुपये था। सरकार इसकी मासिक वसूली दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। सीबीआईसी यानी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के मुताबिक यह स्तर छूने के लिए कई स्तर पर तैयारी चल रही है।

सूत्रों के अनुसार जीएसटी संग्रह बढ़ाने के लिए फिलहाल विभाग का ध्यान बिजनेस-टु-बिजनेस (बी-टू-बी) की ओर अधिक है। आंकड़े बताते हैं कि केवल दस प्रतिशत बी-टू-बी सेग्मेंट से ही अस्सी प्रतिशत से अधिक का जीएसटी संग्रह हो रहा है। विभाग बी-टू-बी संग्रह प्रणाली को और मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उसका मानना है कि छोटे कारोबारियों के माध्मय से जीएसटी संग्रह तभी बढ़ेगा जब पूरी तरह से डिजिटल भुगतान शुरू हो जाए।

इस सिलसिले में बजट में भी कई नियमों की घोषणा की गई है जिन्हें अप्रैल से लागू किया जाएगा। सीबीआईसी सूत्रों के मुताबिक टैक्स के साथ होने वाले निर्यात को भी समाप्त किया जा रहा है। वर्तमान में निर्यातक टैक्स के साथ निर्यात करते हैं जो टैक्स उन्हें सीमा शुल्क विभाग की तरफ से रिफंड के रूप में मिल जाता है। नए वित्त वर्ष में निर्यातकों को टैक्स के बदले सिर्फ एक फॉर्म भरना होगा और उसे सत्यापित करना होगा। इससे सीमा शुल्क विभाग को रिफंड भी नहीं देना होगा और इस माध्यम से होने वाली गड़बड़ी पर भी रोक लगेगी।

यह अपने आप में एक बड़ा कदम होगा जो ना केवल प्रणाली को आसान बनाएगा बल्कि रिफंड से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों पर भी रोक लग सकेगीl अभी हाल ही में धोखाधड़ी के कुछ बड़े मामले सामने आये हैl जीएसटी चोरी को रोकने के लिए सीबीआईसी की तरफ से सघन अभियान चलाया जा रहा है। बिना बिल के माल पकड़े जाने के मामलों का सीबीआईसी के अधिकारी मौके पर ही निपटान कर रहे हैं। इस काम में वे ऑनलाइन प्लेटफा‌र्म्स की मदद ले रहे हैं। हाल ही में अधिकारियों ने सौंदर्य प्रसाधन से जुड़ी एक कंपनी का बगैर बिल वाला माल पकड़ा। अधिकारियों ने माल की कीमत का आकलन करने के लिए एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाकर उसके दाम देखे और पूरे माल की कीमत का आकलन कर कंपनी को जुर्माने का बिल थमा दिया।

इन कोशिशों के चलते माना जा रहा है कि सरकार व्यापारियों को जीएसटी के प्रति रास्ते पर लाने में सक्षम होगी और कुल कर संग्रह का अपना निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकेगीl इस दिशा में जीएसटी विभाग द्वारा करदाताओं को लगातार टेक्स्ट मेसेज भेजे जा रहे हैं ताकि वे समय पर अपना रिटर्न दाखिल करेंl इतने रिमाइंडर विभाग ने पहले कभी नहीं भेजेl इसका सीधा मतलब यह निकलता है कि विभाग ने लगातार नज़र बनाई हुई है कि कौन से व्यापारी हैं जो समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर रहेl इन व्यापारियों पर नज़र रखने से विभाग को यह भी पता चलेगे कि कहीं वे कर की चोरी में शामिल तो नहीं हैंl

इससे यह भी पता चलता है कि स्थिति सरकार के नियंत्रण में हैl इसका मतलब यह भी निकलता है कि जो व्यापारी ईमानदारी से कर अदा कर रहे हैं उन्हें केवल लापरवाही के चलते रिटर्न फाइल करने में देरी नहीं करनी चाहिएl वरना हो सकता है कि कुछ बेईमानों के कारण ईमानदार करदाता भी परेशान किये जाएँl (आभार – समय की चर्चा )