न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

इस महीने की शुरूआत में हुई नीलामी में कुल 77,814 करोड़ रुपए के स्‍पेक्‍ट्रम की बिक्री हुई। दो दिन चली इस नीलामी में ज्यादातर स्‍पेक्‍ट्रम रिलायंस जियो ने खरीदे। उसने कुल 57,123 करोड़ रुपए की बोली लगाई।

आंकड़ों के मुताबिक जियो ने नीलामी के पहले ही दिन 50,000 करोड़ रुपए खर्च किए। उसने 800 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड के लिए 34,491 करोड़, 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए 12,461 करोड़  और 2300 मेगाहर्ट्ज के लिए 10,170 करोड़ रुपए लगाए। यह कुल योग 57,123 करोड़ रुपए हो गए। कंपनी का कहना है कि इस खरीद से उसका 4जी नेटवर्क ज्यादा बेहतर बनेगा और 5जी में भी मदद मिलेगी।

जियो के बाद सबसे ज्यादा पैसे की बोली भारती एयरटेल ने लगाई। उसने स्पेक्ट्रम नीलामी के दूसरे दिन 355.45 मेगाहर्ट्ज, मिड बैंड और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड पर 18,699 करोड़ रुपए खर्च किए। माना जा रहा है कि इससे एयरटेल 5जी सर्विस देने में सक्षम बनेगी। साथ ही वह इस स्पेक्ट्रम से नौ करोड़ अतिरिक्त ग्राहक जोड़ पाएगी। भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और दक्षिण भारत के सीईओ गोपाल विट्टल के मुताबिक अब एयरटेल के पास एक मजबूत स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो है, जिससे वह देश में सबसे अच्छी मोबाइल ब्रॉडबैंड सर्विस दे सकेगी।

उधर, वोडाफोन आइडिया ने अपनी 4जी सेवा की मजबूती और उसे विस्तार देने के लिए पांच सर्कलों में एयरवेव्ज खरीदे। कंपनी का कहना है कि वह अपने ग्राहकों के डिजिटल अनुभव को और बेहतर बनाएगी। इस कंपनी ने दूरसंचार विभाग में 475 करोड़ रुपए का अर्नेस्ट मनी जमा कराया था जो कि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल दोनो से कम था।

दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक पहले दिन 77,146 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम की बोली लगी, लेकिन प्रीमियम 700 और 2500 मेगाहर्ट्ज के बैंडों में एयरवेव्ज खरीदने के लिए कोई आगे नहीं आया। बोलियां 800, 900, 1800, 2100 और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंडों के लिए ही लगाई गईं। किसी भी कंपनी ने 700 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए बोली नहीं लगाई। इस नीलामी में हासिल स्पेक्ट्रम की वैधता बीस साल होगी।