न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
आम आदमी पार्टी एक बार फिर दूसरे राज्यों में भी अपनी पैठ बनाने की सोच रही है। उसने तय किया है कि वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगी। पिछले हफ्ते पार्टी की नेशनल काउंसिल में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में तो पार्टी ने चुनावी तैयारियां शुरू भी कर दी हैं।
नेशनल काउंसिल की बैठक में अपने भाषण में केजरीवाल ने जिन छह राज्यों के नाम लिए उनमें अगले दो साल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनावी तैयारी के लिए पार्टी ने अपने नेताओं को विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारियां देना भी शुरू कर दिया है। राघव चड्ढा को पंजाब, आतिशी मार्लेना को गुजरात में पार्टी के विस्तार की जिम्मेदार दी गयी है। इस तरह विधायक दिनेश मोहनिया को उत्तराखंड का इंचार्ज बनाया गया है। संजय सिंह लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे कर रहे हैं तो राघव चड्ढा गोवा का और मनीष सिसोदिया उत्तराकंड का दोरा कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि आम आदमी पार्टी ने काम की राजनीति और विकास की राजनीति को स्थापित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह देश में पहली बार है जब कोई पार्टी कहती है कि हमने शिक्षा में सुधार किया है इसलिए वोट देना। बिजली व्यवस्था को दुरुस्त किया है इसलिए हमें वोट दो। उन्होंने कहा कि अभी तक धर्म और जाति की राजनीति होती आई है। अकेली आम आदमी पार्टी है जो अपने काम के नाम पर राजनीति करती है। देश में यह पहली बार हो रहा है कि कोई पार्टी अपने काम के नाम पर वोट मांग रही है। केजरीवाल ने कहा कि हमारी पार्टी काम के आधार पर ही अन्य नेताओं को चुनौती देती है।
केजरीवाल ने नेशनल काउंसिल की बैठक में किसानों के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि देश का किसान बहुत दुखी है। पिछले पच्चीस साल में साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नए किसान बिल से किसानों की खेती छीन कर पूंजीपतियों को देने की तैयारी हो रही है। उनके मुताबिक 26 जनवरी को हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण थी। इसके लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। मगर किसानों पर फर्जी केस लगाए जा रहे हैं। उनका कहना था कि जो कुछ भी उस दिन हुआ उससे यह आंदोलन खत्म नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि हम सबको मिल कर किसानों का शांतिपूर्वक साथ देना है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जब भी किसानों के साथ जाना हो तो अपना झंडा और टोपी छोड़ कर जाएं। किसानों के पास आम नागरिक बन कर जाएं। वहां कोई राजनीति नहीं करनी है।
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