सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद
न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वे पार्टी आलाकमान के हर निर्देश को मानने के लिए तैयार हैं। यह मुलाकात इस मंगलवार को हुई। माना जा रहा है कि अब जल्दी ही पार्टी आलाकमान की ओर से पंजाब में सुलह का कोई फॉर्मूला जारी किया जाएगा।
ध्यान रहे कि पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके विरोधी प्रकाश सिंह बाजवा व नवजोत सिंह सिद्धू आदि असंतुष्ट नेताओं के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। दोनों ही पक्ष झुकने को राजी नहीं थे, जिसे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। खास कर इसलिए कि कुछ ही महीने बाद पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
यह तीसरी बार था जब इस मुद्दे पर कैप्टन को दिल्ली बुलाया गया था। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष से कैप्टेन की मुलाकात से पहले पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी सोनिया गांधी से मिलने पहुंची थीं। प्रियंका पंजाब के मामले में खासी दिलचस्पी ले रही हैं और पिछले ही हफ्ते वे नवजोत सिंह सिद्धू से मिली थीं। यह भी कहा जाता है कि प्रियंका के जोर देने पर ही तब राहुल गांधी ने भी सिद्धू से मुलाकात की थी।
इससे पहले कैप्टन पंजाब की समस्या सुलझाने के लिए आलाकमान की बनाई तीन सदस्यीय कमेटी से मुलाकात कर चुके हैं। कमेटी से मिलने के बाद भी पंजाब कांग्रेस के नेताओं में मतभेद खत्म नहीं हो रहे थे। हाल यह है कि नवजोत सिंह सिद्धू पिछले हफ्ते दिल्ली आकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले, मगर पंजाब लौट कर वे फिर कैप्टन के खिलाफ बोलने लगे। पहले उन्होंने कोटकपूरा गोलीकांड और बेअदबी मामलों को मुद्दा बनाया था, अब राज्य में बिजली संकट पर लगातार बयान दे रहे हैं।
उन्होंने बिजली कटौती और इसकी कीमत को लेकर मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा किया और इसमें तत्काल सुधार की मांग की। उनका कहना था कि अगर मुख्यमंत्री सही दिशा में चलें तो बिजली कटौती की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। यह मुद्दा सिद्धू ने ऐसे समय में उठाया जब कुछ ही दिन पहले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। केजरीवाल ने चंडीगढ़ में कहा था कि पंजाब में गरीबों के बिजली बिल सत्तर-सत्तर हजार रुपए तक के आ रहे हैं और बिल न भरने पर उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो घरेलू बिजली के तमाम बकाया बिल माफ किए जाएंगे।
बिजली का नया मुद्दा उठने पर अमरिंदर गुट की तरफ से आरोप लगाया गया कि बिजली के बारे में इतना बढ़ चढ़ कर बोल रहे नवजोत सिद्धू ने खुद अपना बिजली का बिल नहीं भरा है। इससे सिद्धू भी फंस गए। हालांकि उनकी पत्नी ने प्रेस कान्फ्रेंस करके दावा किया कि उनका बिजली बिल इतना ज्यादा आया था कि उन्होंने उसके खिलाफ अपील कर रखी है, अन्यथा वे कबका जमा करवा देते। दो दिन तक सिद्धू के बिजली बिल का विवाद चलता रहा। उसके बाद आखिरकार नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने घर का बिजली का बिल जमा करवा दिया। उन्होंने देरी से भुगतान के लिए जो जुर्माना बना वह भी चुका दिया। उनके घर का बिजली बिल 867450 रुपये बकाया था जिसे उन्होंने ऑनलाइन जम करवाया।
Comments are closed for this post.