न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
जहां–जहां भी कोरोना के कारण लगाई गई पाबंदियों और लॉकडाउन में छूट दी गई है वहां के बाज़ारों में तेजी से भीड़ बढ़ रही है। बाजारों में जैसे लोग टूटे पड़ रहे हैं और कोरोना प्रोटोकाल का ध्यान भी नहीं रख रहे। यही हाल पर्यटन स्थलों का है। दिल्ली में जैसे कुछ बाजारों को फिर से बंद किया गया, उसी तरह अन्य राज्यों की सरकारें भी कार्रवाई करने की योच रही हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार भी इस भीड़ को देख परेशान है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में चिंता जताई है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना के हालात पर होने वाली अपनी रोजाना की प्रेस ब्रीफिंग में इस मंगलवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर सीमित दायरे में ही सही, लेकिन अब भी मौजूद है। उन्होंने हिल स्टेशनों पर कोरोना नियमों का उल्लंघन करती भारी भीड़ का जिक्र किया और कहा कि ऐसा करना हमारे अब तक के फायदे को कम कर सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आम लोगों की तरफ से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता तो हम पाबंदियों में दी गई ढील को फिर से खत्म कर सकते हैं।
इतनी ही नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिमला और मनाली में कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का बड़े पैमाने पर हो रहे उल्लंघन को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा है। आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव का कहना था कि हिल स्टेशनों से आ रहीं तस्वीरें भयावह हैं। लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के हिसाब से पिछले एक हफ्ते से कोरोना संक्रमण के मामले लगातार 50 हजार से कम आ रहे हैं। इनमें भी 80 प्रतिशत नए मामले केवल 90 जिलों से मिल रहे हैं। ज्यादा केस महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, कर्नाटक से सामने आ रहे हैं। मंत्रालय का मानना है कि कुछ जिलों में ज्यादा संक्रमण को देखते हुए कहा जा सकता है कि अभी दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है। लव अग्रवाल के मुताबिक देश में कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट अभी भी 10 फीसदी से ऊपर है।
अग्रवाल ने आगे कहा कि भविष्य की चुनौती तीसरी लहर नहीं है, बल्कि चुनौती यह है कि हम उसके लिए कैसे काम करते हैं। लहर के पहलू को उजागर करने के बजाय, हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए जरूरी नियमों और प्रतिबंधों का पालन करना होगा।
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