न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बीच पंजाब के आठ शहरों में स्थानीय निकायों के चुनाव में सभी जगह कांग्रेस ने जीत हासिल की है। कांग्रेस के अलावा चुनाव लड़ रही बाकी तीन पार्टियों अकाली दल, भाजपा और आम आदमी पार्टी को इसमें कुछ नहीं मिला।

ध्यान रहे, इन निकायों के पिछले चुनाव में अकाली दल और भाजपा मिल कर लड़े थे और आठों जगह उन्हें कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिली थीं। इस बार कृषि कानूनों के मसले पर अकाली दल एनडीए और भाजपा से अलग होकर लड़ा।

हरियाणा व राजस्थान के स्थानीय निकाय चुनावों के बाद भाजपा के लिए यह एक और झटका है। अबोहर, मोगा, बठिंडा, पठानकोट, बटाला, होशियारपुर, कपूरथला, यानी सात नगर निगमों की कुल 350 सीटों में से 269 सीटें अकेले कांग्रेस ने जीती हैं। सीटों के लिहाज से दूसरे नंबर पर अकाली दल, तीसरे पर भाजपा और चौथे नंबर पर आम आदमी पार्टी रही।

बठिंडा में 53 साल के बाद कांग्रेस को जीत मिली है। इसे अकाली दल का गढ़ माना जाता है और प्रकाश सिंह बादल की बहू व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर इस सीट से सांसद हैं। सात में से तीन निगम तो ऐसे हैं जहां भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई, जबकि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी का खाता चार निगमों में नहीं खुला। इसी तरह होशियारपुर में अकाली दल भी अपना खाता खोलने में नाकाम रहा। मोहाली नगर निकाय के नतीजे गुरुवार को यानी एक दिन देरी से आ। पर वहां भी कांग्रेस ने बाजी मारी।