न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
विनीत दीक्षित
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव एक बार फिर टल गया है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि छह महीने में अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा, लेकिन पिछले हफ्ते हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक ने संगठन के चुनाव फिर टाल दिए हैं। इसके लिए अप्रैल-मई में होने जा रहे कई राज्यों के विधानसभा चुनावों को कारण बताया गया है।
पिछले शुक्रवार को हुई कार्य समिति की बैठक ने तय किया कि अब पार्टी संगठन के चुनाव आगामी विधानसभा चुनावों के बाद मई में होंगे। इस तरह आगामी जून तक पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि सोनिया गांधी तब तक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। कोरोना के चलते यह बैठक डिजिटल तरीके से हुई।
इस फैसले से पहले पार्टी के दो गुटों के बीच तीखी बहस हुई। यहां तक कि उसमें राहुल गांधी को दखल देना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं सभी से कह रहा हूं कि अब इस (संगठन चुनाव के) मुद्दे को छोड़िए और आगे बढ़िए।
बताया जाता है कि बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और पी चिदंबरम ने संगठन के चुनाव तुरंत करवाने की मांग कर रहे थे। दूसरी तरफ अशोक गहलोत, अमरिंदर सिंह, एके एंटनी, तारिक अनवर और ओमान चांडी इस पर ऐतराज कर रहे थे। इन लोगों का कहना था कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव आगामी पांच राज्यों के चुनावों के बाद होना चाहिए।
बैठक में नेतृत्व के मसले पर नेताओं ने खुल कर बहस हुई। सूत्रों के मुताबिक पी चिदंबरम ने कार्य समिति सदस्यों के साथ ही पहले की तरह केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड के सदस्यों का चुनाव भी करवाने की मांग की। गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा भी उनके समर्थन में थे। पिछले ही हफ्ते कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कार्य समिति के सदस्यों सहित चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड का भी चुनाव कराने को कहा था।
चिदंबरम का कहना था कि कांग्रेस अध्यक्ष कार्य समिति में ग्यारह सदस्य मनोनीत करता है। इनमें से 10 सदस्यों का चुनाव होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक इस पर अंबिका सोनी ने कहा कि अभी चुनाव करवाने की जरूरत ही क्या है, जब अगले साल पार्टी के चुनाव होने हैं जो अगले पांच साल के लिए लोगों की जिम्मेदारी तय करेंगे। बताते हैं कि सोनिया गांधी ने स्वयं अंबिका सोनी को चुप कराया।
लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेहद तल्ख तेवर दिखाए। उन्होंने सभी पदों के लिए चुनाव की मांग कर रहे नेताओं को निशाना बनाते हुए कहा कि हम सबको मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, कार्य समिति का सदस्य पार्टी ने बनाया। कभी भी चुनाव के जरिए कोई पद नहीं मिला, लेकिन आज बहुत से लोग चुनाव की बात कर रहे हैं। लोग सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं।
इस मौके पर आनंद शर्मा नाराजगी से बोले कि नेतृत्व ने मामला सुलझा दिया है। हमने कभी सोनिया गांधी या राहुल को लेकर कुछ नहीं कहा। आखिरकार राहुल गांधी ने दखल दिया। उन्होंने कहा कि वे गहलोत और आनंद शर्मा दोनों की बात का आदर करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि संगठन के चुनाव करवा कर इस मुद्दे को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए, ताकि देश के बाकी अहम मुद्दों पर काम किया जा सके।
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया, ‘कांग्रेस कार्य समिति ने निर्णय लिया है कि जून 2021 तक पार्टी को एक निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मिल जाएगा।’ सूत्रों का कहना है कि मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने अध्यक्ष समेत संगठन के चुनाव पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद जून में कराने का प्रस्ताव रखा था। प्राधिकरण ने 29 मई को अधिवेशन कराए जाने की भी पेशकश की थी।
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