न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

दुनिया में दफ्तर बनाने के लिए दिल्ली के कनॉट प्लेस से ज्यादा महंगी केवल सोलह जगहें हैं। इस मामले में कनॉट प्लेस सत्रहवें स्थान पर है। इस साल यानी 2021 में कनॉट प्लेस में अपने दफ्तरों के लिए विभिन्न कंपनियों को औसतन 109 डॉलर यानी लगभग 8175 रुपये प्रति वर्गफुट सालाना किराया दाना पड़ा।

संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल यानी 2020 में दफ्तरों के लिए सबसे महंगे स्थानों में कनॉट प्लेस 25वें नंबर पर था। इस रिपोर्ट के हिसाब से वर्ष 2021 में दुनिया में सबसे महंगे कार्यालय स्थलों की सूची में न्यूयॉर्क का मिडटाउन और हांगकांग सेंट्रल साझा तौर पर पहले नंबर पर रहे। वहां किराये पर दफ्तर लेने के लिए कंपनियों को सालाना औसतन 261 डॉलर यानी लगभग 19575 रुपये प्रति वर्ग फुट खर्च करना पड़ा। उनके बाद बीजिंग की फाइनेंस स्ट्रीट, लंदन के वेस्टएंड, सेन फ्रांसिस्को की सिलिकॉन वैली और बीजिंग की सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट का नंबर है। इसलका मतलब हुआ कि दफ्तर बनाने के लिए ये दुनिया की सबसे महंगी पांच जगहें हैं।

इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि दुनिया के सबसे महंगे दस कार्यालय स्थलों में से छह एशिया प्रशांत क्षेत्र में आते हैं। वैसे जहां तक भारत की बात है तो कनॉट प्लेस में दफ्तरों का किराया देश में सबसे ज्यादा है। इसके बाद मुंबई के बीकेसी यानी बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स का नंबर है, जहां कंपनियों को 2021 में 102 डॉलर यानी लगभग 7650 रुपये सालाना किराया देना पड़ा। पूरी दुनिया के हिसाब से देखें तो सबसे महंगे कार्यालय स्थलों की सूची में बीकेसी 23वें स्थान पर रहा। इससे पिछले साल वह 22वें स्थान पर था।