न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
एनएन कौल
मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार राज्य के लोगों पर ‘काउ सेस’ यानी गाय टैक्स लगाने वाली है। पिछले हफ्ते मध्यप्रदेश गो-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गो-संरक्षण के लिए टैक्स की योजना बनाएं।
बताया जाता है कि अधिकारियों की बनाई गई इस तरह की योजना पर अब कैबिनेट में विचार होगा। अधिकारी वर्ग इस बाबत वाहनों की बिक्री, उनकी रजिस्ट्री और शराब की बिक्री पर सेस लगाने की सोच रहा है। राज्य में करीब 1300 गोशालाएं हैं, जिनमें 1.80 लाख गायों को रखा गया है।
इसी तरह का टैक्स लगाने की बात कमलनाथ सरकार के समय भी उठी थी। गोशालाएं खोलने के लिए पैसा कहां से आएगा, इस मसले पर वन, राजस्व, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिवों की कमेटी बनाई गई थी। उस समय महंगी कारों, स्टाम्प डयूटी और टोल प्लाजा की फीस बढ़ा कर यह खर्च निकालने की बात सोची गई थी। अब गायों के चारे की स्थाई व्यवस्था के लिए वाहनों की बिक्री, रजिस्ट्री और शराब पर सेस लगाने पर विचार किया जा रहा है।
कमलनाथ सरकार ने बजट में प्रति गाय 20 रुपए का आवंटन करते हुए पशुपालन विभाग का बजट 132 करोड़ रुपए रखा था, लेकिन 2020-21 में इसे घटा कर 11 करोड़ कर दिया गया। इससे प्रति गाय सरकारी खुराक 20 रुपए से घट कर 1.60 रुपए रह गई।
सेस लगाने के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहते हैं कि गोशालाओं बनाने का काम स्वयंसेवी संगठनों को दिया जाए। उन्होंने ऐसे संगठनों की गोशालाओं को अनुदान देने और राज्य में छह गोशालाओं को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में तैयार करने के निर्देश भी दिए।
बताया जाता है कि प्रदेश में 2200 गोशालाएं बनाई जाएंगी। गो-अभयारण्य को गो-पर्यटन का केन्द्र बनाने की भी तैयारी की जा रही है। पर्यटन विभाग इस काम पर लग गया है। प्रदेश में वे आठ गो-सदन फिर से शुरू किए जाएंगे जो बंद हो चुके हैं। (आभार – समय की चर्चा )
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