न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सुशील कुमार सिंह
पिछले शनिवार दिल्ली में एक लाख से ज्यादा डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया। ये ऐसे वाहन थे जो दस साल पुराने हो चुके थे। इनके रजिस्ट्रेशन खारिज होने के बाद इनके मालिकों के पास दो ही विकल्प बचे हैं। या तो वे इन वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगवा लें या फिर एनओसी लेकर उन्हें किसी अन्य राज्य में बेच दें।
यह कार्रवाई एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर की गई है। दिल्ली परिवहन विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में पंद्रह साल या उससे अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन खारिज किया जाएगा। विभाग का कहना है कि ऐसे पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या दिल्ली में 43 लाख से भी ज्यादा हो सकती है।
इनमें से 32 लाख दोपहिया वाहन होंगे जबकि 11 लाख कारें होंगी। रजिस्ट्रेशन रद्द करने के साथ ही सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर दस साल पुराना डीजल वाहन या पंद्रह साल पुराना पेट्रोल वाहन सड़क पर पाया गया तो उसे जब्त कर स्क्रैपिंग के लिए भेज दिया जाएगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के हिसाब से जिन डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन खारिज किया गया है उनकी संख्या 101247 थी। इन्हें इस साल की पहली जनवरी को दस साल पूरे हो चुके थे। परिवहन विभाग के मुताबिक इन वाहनों के मालिक उन्हें कहीं और बेचने के मकसद से एनओसी लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इस एनओसी के आधार पर ही वे वाहन को किसी और राज्य में रजिस्टर करा पाएंगे। जिनके रजिस्ट्रेशन रद्द हुए हैं उन डीजल वाहनों में लगभग 87 हजार कारें हैं। बाकी में मालवाहक वाहन हैं या फिर बस और ट्रैक्टर हैं।
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