न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सरकार सी-प्लेन सेवा के लिए जिन रूट पर विचार कर रही है उनमें दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-उदयपुर, दिल्ली-जोधपुर, दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-बद्रीनाथ भी शामिल हैं। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडवीय के मुताबिक दिल्ली के यमुना रिवरफ्रंट से लोग सी-प्लेन के जरिये अयोध्या भी जा सकेंगे।
मंत्री ने कहा कि सी-प्लेन की प्रस्तावित सेवाओं में अंडमान और निकोबार के कई द्वीप, लक्षद्वीप, असम में गुवाहाटी रिवरफ्रंट और उमरांसो रिजर्वायर और कई पर्यटन स्थल भी शामिल हैं। इन रूटों का विकास बंदरगाह, जहाजरानी व जलमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिल कर करेंगे। जहाजरानी मंत्रालय के तहत बनी एसडीसीएल यानी सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड ने विभिन्न विमानन कंपनियों से कहा है कि वे सीप्लेन सेवा के लिए अभिरुचि पत्र दाखिल करें।
मंत्रालय का कहना है कि इससे पता लगेगा कि विमानन कंपनियां एसडीसीएल के साथ सी-प्लेन सेवा चलाने के प्रति कितनी इच्छुक हैं। सरकार पहले ही कह चुकी है कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़े देश का आम नागरिक’ के तहत पूरे देश में चौदह और वाटर एरोड्रॉम बनाने की योजना है। ध्यान रहे कि गुजरात के केवड़िया से अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट की बीच सी-प्लेन सेवा का उद्घाटन पिछले साल 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने किया था। केवड़िया वह स्थान है जहां सरदार पटेल की प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थापित है। यह देश की पहली सी-प्लेन सेवा थी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आईडब्लूएआई यानी इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया से पहले इस मामले में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया और फिर यात्रियों की आवाजाही के लिए जेटी बनाने में मदद भी मांगी। उसके सहयोग से ही इस योजना को अंजाम दिया जा रहा है।
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