न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
सरकार मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने वाली है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक राजस्व में कमी की भरपाई और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए यह फैसला किया गया है।
इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार ने बांड जारी कर 7.02 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस साल के बजट में 12.05 लाख करोड़ रुपये सकल ऋण जबकि शुद्ध कर्ज 9.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। सकल ऋण में पुराने कर्ज का भुगतान भी जोड़ा जाता है। अगले वित्त वर्ष में पुराने ऋण का भुगतान 2.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के नौ प्रतिशत के बराबर रहने का अनुमान है।
बहरहाल साल भर के कुल कर्ज का 60 प्रतिशत यानी 7.24 लाख करोड़ रुपए वित्त वर्ष की पहली छमाही में जुटाया गया। बाकी के 5.03 लाख करोड़ का कर्ज दूसरी छमाही में लिया जाएगा। कर्ज के इस दूसरे हिस्से में जीएसटी मुआवजे के एवज में ली गई ऋण सुविधाओं के तहत राज्यों को शेष राशि जारी करने की जरूरत भी शामिल है।
Comments are closed for this post.