दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में घर पर इलाज करा रहे या होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ गई है। आंकड़ों के हिसाब से इनमें लगभग दो हज़ार लोगों का इजाफा हुआ है। माना जा रहा है कि सिनेमा हॉल खुलने, प्रदूषण बढ़ने और त्योहारों के चक्कर में सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ बढ़ने से ऐसा हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के प्रसार का खतरा सर्दियों में और बड़ जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 18 अक्तूबर को होम क्वारंटीन वाले मरीजों की संख्या 13742 थी, जबकि 2770 कंटेनमेंट जोन थे। लेकिन इस हफ्ते ये बढ़ कर लगभग 14500 पर आ गए। इसी तरह कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ कर तीन हज़ार के आसपास हो गई हो गए।
कोरोना की एक और लहर आने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए करीब दो लाख लोगों की पहचान की गई और उनकी जांच की गई। इनमें केवल दस हजार लोगों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसे वायरस का तेज गति से हो रहा प्रसार नहीं कहा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग अभियान चला रहा है। फिर कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए दो लाख लोगों की पहचान की गई। इन सभी के एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए और दस हजार लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य अधिकारी कहते हैं कि महज पांच फीसदी लोगों में वायरस फैलना बताता है कि अब संक्रमण का प्रसार तेज गति से नहीं हो रहा। इसका एक कारण यह भी है कि ज्यादातर संक्रमित बेहद कम लक्षण वाले हैं जिनमें वायरल लोड काफी कम है। इऩ अधिकारियों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में रहने वाले उन वरिष्ठ नागरिकों का खास ख्याल रखा जा रहा है जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। इस बीच दक्षिणी जिला प्रशासन ने जांच शिविर के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। उसकी वेबसाइट पर दिए फोन नंबर पर संपर्क कर लोग अपने इलाके में जांच शिविर लगवा सकते हैं।
इसके साथ ही दिल्ली में चौथा सीरो सर्वे भी पिछले शनिवार से शुरू हो गया। यह एक हफ्ते तक चलेगा जिससे पता लगेगा कि इस समय कितने फीसदी लोगों में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी हैं। इससे शहर में कोरोना की स्थिति का विश्लेषण हो सकेगा। इस बार सर्वे में सभी ग्यारह जिलों से 15564 लोगों के नमूने लिए जाएंगे। ये विभिन्न आयु वर्ग के ऐसे लोग होंगे जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं।
वैसे दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को चौथे सीरो सर्वे की रिपोर्ट पर अदालत के संज्ञान लेने से पहले मीडिया को लीक नहीं करने की हिदायत दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने एक याचिका पर कोरोना जांच के नतीजे देने में देरी पर भी नाराजगी जताई। अदालत के ही एक कर्मचारी ने कोरोना टेस्ट कराया जिसकी रिपोर्ट उसे चार दिन में मिली। पीठ ने कहा कि टेस्ट रिपोर्ट लोगों को चौबीस घंटे के भीतर मिलनी चाहिए, फिर इतना समय क्यों लग रहा है। अदालत ने दिल्ली सरकार से टाटा संस के नए टेस्ट फेलुडा को मंजूरी देने के मामले में आईसीएमआर से उसका पक्ष पूछा है। इस बारे में टाटा संस के आवेदन पर आईसीएमआर की मंजूरी लंबित है।
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