सुशील कुमार सिंह
न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में विशेष अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और नौ अन्य विधायकों को तो बरी कर दिया है, लेकिन उनकी आम आदम पार्टी के ही दो विधायकों को दोषी माना है।
ये हैं अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल। अदालत ने इन पर आरोप तय करने को कहा है। अंशु प्रकाश फिलहाल केंद्र सरकार में दूरसंचार सचिव हैं।
यह मामला साल 2018 का है। आरोप था कि उस साल 19 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास पर एक मीटिंग के दौरान अंशु प्रकाश पर हमला हुआ।
इस मामले में केजरीवाल और सिसोदिया समेत 13 आरोपी थे। कहा गया कि अंशु प्रकाश के साथ केजरीवाल की मौजूदगी में उनके विधायकों ने बदसलूकी और धक्कामुक्की की। अंशु प्रकाश ने उसी रात उपराज्यपाल से मिल कर इसकी शिकायत की। बाद में मामला दर्ज हुआ।
आरोप था कि केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे होने पर जारी होने वाले विज्ञापनों को लेकर विवाद हुआ था जबकि बचाव पक्ष का कहना था कि विवाद 2.5 लाख लोगों को राशन न मिलने के मुद्दे पर हुआ।
बरी हुए अन्य विधायकों के नाम हैं नितिन त्यागी, रितुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया।
मनीष सिसोदिया ने इस फैसले को सत्य की विजय बताया। उन्होंने कहा कि हम पहले भी कहते रहे हैं कि सभी आरोप झूठे थे। यह मुख्यमंत्री के खिलाफ एक षड्यंत्र था। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि यह भाजपा की साजिश थी।
इस मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दावा किया गया था सोची समझी साजिश के तहत अंशु प्रकाश पर हमला किया गया था। चार्जशीट के मुताबिक आप नेताओं ने सबूत भी छिपाए थे। उन्होंने घटना से पहले ही कई सीसीटीवी कनेक्शन काट दिए थे।
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