दिसंबर महीने में कुल 1,15,174 करोड़ रुपये का जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर का संग्रह हुआ। यह किसी भी महीने में अब तक का सबसे अधिक यानी रिकॉर्ड कलेक्शन है।
इस मामले में पिछला रिकॉर्ड 1.14 लाख करोड़ रुपए का था, जो अप्रैल 2019 बना था। अक्टूबर 2020 में जीएसटी से 1 लाख 5 हजार 155 करोड़ रुपए और नवंबर में 1 लाख 4 हजार 963 करोड़ रुपए आए थे। वित्त मंत्रालय का कहना है कि जीएसटी चोरी और फेक बिल के खिलाफ देशभर में चलाए गए अभियान के कारण भी कलेक्शन बढ़ा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार इस दिसंबर में एसजीएसटी के रूप में 27,804, सीजीएसटी के तौर पर 21,365 करोड़ और आईजीएसटी के रूप में 57,426 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। इसके अलावा सेस के रूप में सरकार को 8,579 करोड़ रुपये मिले।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर और दिसंबर में कुल 87 लाख जीएसटीआर-3बी रिटर्न भरे गए हैं। इसी से टैक्स कलेक्शन का अंदाजा लग जाता है। जीएसटी में यह भी व्यवस्था है कि जितना टैक्स इस रिटर्न में निकलेगा उसे जमा करवाने के बाद ही रिटर्न अपलोड हो पाएगाl
इसी तरह सरकार ने रेगुलर सेटलमेंट के रूप में आईजीएसटी में से सीजीएसटी के रूप में 23,276 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के रूप में 17,681 करोड़ रुपये का सेटलमेंट किया है। दिसंबर 2020 में रेगुलर सेटलमेंट के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की कुल आमदनी सीजीएसटी के रूप में 44,641 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के रूप में 45,485 करोड़ रुपये रही। माना जा रहा है कि जीएसटी संग्रह में यह उछाल त्योहारी मांग के कारण हैl
इसी बीच में सरकार ने जीएसटी का वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख एक बार फिर बढ़ा दी हैl प्रोफेशनलों और संस्थाओं से इस विषय में ट्वीटर, ई-मेल और पत्रों द्वारा सरकार से यह मांग की जा रही थी कि अंतिम तारीख को और बढाया जाएl सरकार ने मांग को देखते हुए बिना ऑडिट वाले आयकर दाताओं के लिए अंतिम तिथि 10 जनवरी कर दी और जिन आयकर दाताओं की ऑडिट रिपोर्ट भी दाखिल होनी होती है, उनके लिए यह तारीख़ बढ़ा कर 15 जनवरी कर दीl हालाँकि यह समय भी शायद कुछ कम ही पड़ेगा क्योंकि छोटे आयकर दाताओं को बैंक से पास बुक या स्टेटमेंट लेने में समस्या अभी भी बनी हुई है, चाहे वह व्यक्तिगत रिटर्न हो या फर्म या ट्रस्ट काl कंपनियों के लिए यह अंतिम तिथि 15 फरवरी तक बढ़ाई गई हैl
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