न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक पहली मई से लेकर 13 जुलाई के बीच कोरोना वैक्सीन की करीब ढाई लाख डोज बर्बाद हो गईं। यह बर्बादी देश के आठ राज्यों मे सामने आई। इनमें सबसे आगे बिहार रहा।

पिछली पहली मई से 13 जुलाई के बीच 76 दिनों में बिहार में 1,26,743 डोज वैक्सीन व्यर्थ गई है। यह इस अवधि में देश भर में हुई वैक्सीन की बर्बादी का 50.76 प्रतिशत यानी आधे से भी अधिक है।

दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों को वैक्सीन की जितनी डोज दी गई थीं उनसे उन्होंने अतिरिक्त डोज निकालीं और उनका इस्तेमाल किया। रिपोर्ट में केंद्र सरकार ने राज्य को सलाह दी है कि वैक्सीन की बर्बादी पर तत्कालर ध्यान दिया जाए।

बिहार को इस 20 जुलाई तक केंद्र सरकार से वैक्सीन की 17494240 डोज भेजी गईं। इसके साथ ही मई और जून में बिहार सरकार ने 44.39 लाख डोज वैक्सीन खुद भी खरीदीं। केंद्र के आंकड़ों के हिसाब से सबसे अधिक 3.44 करोड़ वैक्सीन उत्तर प्रदेश को दी गईं।

बिहार की आबादी बारह करोड़ से ऊपर है और राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 7.14 लाख लोग वहां कोराना से गंभीर रूप से बीमार हुए। इनमें 98.6 फीसदी ठीक हो गए। 14 जून से 6 जुलाई के बीच कराए गए सीरो सर्वे से पता लगा कि राज्य के तीन चौथाई यानी करीब 8.76 करोड़ लोगों में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित हो चुकी थीं।

यह चौथा सीरो सर्वे था जो केंद्र सरकार ने देश के 21 राज्यों के 70 जिलों में करवाया था। इस सर्वे में बिहार के छह जिले शामिल थे। राहत की बात यह भी है कि राज्य का सीरो औसत 73 फीसदी पाया गया, जो कि पूरे देश के औसत से अधिक था। सर्वे में राष्ट्रीय औसत 67.6 फीसदी रहा।

बहरहाल, संबंधित 76 दिनों में वैक्सीन डोज की बर्बादी का दिल्ली का आंकड़ा 19,989 था। इसी अवधि में जम्मू और कश्मीर में 32,680 डोज, मणिपुर में 12,346 डोज, मेघालय में 3518 डोज, पुडुचेरी में 13,613 डोज, तेलंगाना में 27,552 डोज और त्रिपुरा में 13,207 डोज वैक्सीन बर्बाद गई।