न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

संजय चतुर्वेदी

टोल टैक्स के वर्तमान प्रारूप में कई लोगों को शिकायत रहती है कि उन्हें थोड़ी दूरी तक जाने के लिए भी उतना ही टोल टैक्स भरना पड़ता है जितना लम्बी यात्रा करने वालों को देना होता है। इस मसले पर केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी  ने कहा है कि जल्द ही टोलिंग के लिए नया जीपीएस आधारित सिस्टम आएगा, जिसमें हाईवे पर एंट्री और एक्जिट प्वाइंट के आधार पर उतन ही दूरी के लिए यात्रियों को भुगतान करना होगा।

इससे हाईवे पर छोटी दूरी तय करने वालों को राहत मिलेगीl गडकरी ने कहा कि इस सिस्टम को पेश करने में लगभग दो साल लगेंगेl उन्होंने कहा कि इसके जरिये टोल प्लाजा की लाइव मॉनिटरिंग के जरिए लोग यात्रा में लगने वाले समय, बल्कि ट्रैफिक की हिस्ट्री और ट्रैफिक की मौजदा स्थिति भी जान सकेंगे।

गडकरी ने यह बात पूरे देश में टोल प्लाजा पर लाइव स्थिति जानने के लिए लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम की लॉन्चिंग के मौके पर कहीl उन्होंने कहा कि हाईवे के लिए अनिवार्य फास्टैग से सालाना ईंधन पर 20,000 करोड़ रुपए की बचत करने में मदद मिलेगीl इसके अलावा 10,000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू भी बढ़ने का अनुमान हैl

हाईवे के लिए एक रेटिंग प्रणाली जारी करते हुए मंत्री ने कहा कि इससे हाईवे के उपयोग, निर्माण और गुणवत्ता निर्धारण में मदद मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के लिए हाईवे पर यात्रियों के लिए फ़ास्टैग को अनिवार्य करने से टोल प्लाजा पर लगने वाला समय कम हुआ हैl देश में 16 फरवरी, 2021 से टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स भुगतान अनिवार्य हो गया हैl इसके बाद टोल कलेक्शन में लगातार बढ़ोत्तरी देखी गई हैl एनएचएआई यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक फास्‍टैग के जरिए रोजाना का टोल कलेक्शन करीब 104 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया हैl

गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा की लाइव निगरानी इनकम टैक्स, जीएसटी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के हाथों में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगीl उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा पर लाइव स्टेटस के आधार पर सरकार लेन को बढ़ाने सहित सुधार के अन्य कदम भी उठा सकती हैl हालाँकि गडकरी ने इस विषय में कुछ नहीं कहा कि लाइव मॉनिटरिंग से क्या टोल बूथ पर लगने वाली गाड़ियों की कतार को भी मॉनिटर किया जा सकेगा।

उन्होंने यह भी नहीं बताया कि क्या उन वाहनों को टोल टैक्स से छूट मिलेगी जो फ़ास्टैग होने के बावजूद आधे-आधे घंटे टोल बूथ पर लाइन में लगे रहते हैं और ईंधन की बचत करने की बजाय अधिक ईंधन फूंक देते हैंl ऐसा इसलिए है कि टोल बूथ पर तैनात निजी कम्पनियों के कर्मचारी किसी भी वाहन को टोल अदा किये बगैर जाने नहीं देते और अभी बहुत से टोल बैरियर ऐसे हैं जहाँ फ़ास्टैग रीड करने में तकनीक अक्सर धोखा देती हैl इससे टोल बैरियरों पर लम्बी लम्बी लाइनें लग जाती हैंl फ़ास्टैग अनिवार्य होने के बाद हालात सुधरे हैं, पर आज भी उन वाहनों के कारण लोगों को परेशानी होती है जिन्होंने फ़ास्टैग अनिवार्य होने के बावजूद नहीं लगवाया है या उनके वॉलेट में पैसे ना होने के कारण उन्हें टोल बैरियर पर अधिक समय लगता हैl फ़ास्टैग नहीं होने की सूरत में सरकारी नियम के अनुसार दोगुना टोल भरना पड़ता है, फिर कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं हैl (आभार – समय की चर्चा )