न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

नीति आयोग ने दिल्ली सरकार से अगले तीन महीने तक कोरोना को लेकर सतर्क रहने को कहा है। आयोग का कहना है कि संक्रमण के नए मामलों में कमी होने के कारण शहर में सभी तरह की गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। ऐसे में कोरोना के मामले फिर बढ़ सकते हैं। इसलिए पूरी एहतियात बरतने की जरूरत है।

आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने डीडीएमए यानी दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में सुझाया कि शहर में किसी भी तरह की यात्रा पाबंदियां लगाने से पहले दिल्ली सरकार केंद्र से संपर्क करे। डॉ पॉल का कहना था कि दिल्ली में फिलहाल संक्रमण दर काफी कम है, लेकिन वायरस में हो रहे बदलावों और अनलॉक को देखते हुए सावधानी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन जारी रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराज्यीय यात्राओं पर किसी भी तरह के प्रतिबंध लगाने से पहले दिल्ली सरकार को केंद्र की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि दिल्ली देश की राजधानी है।

बैठक में वैक्सीन की कमी का मुद्दा भी उठा। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने निजी सेक्टर के पास बिना इस्तेमाल के टीकों का भंडार पड़ा होने की बात कही। इस पर डॉ पॉल ने कहा कि दिल्ली सरकार इस तरह के टीकों के स्टॉक खरीदने के विकल्प पर विचार कर सकती है। इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा सकेगा।

बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सुझाया कि राज्यों में नेगेटिव आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट की जगह टीकाकरण प्रमाणपत्र को मानक बनाया जाना चाहिए। उनका कहना था कि इससे टीकाकरण को बढ़ावा भी मिलेगा।

इस बीच आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी दिल्ली सरकार को आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी इसका आंकलन गणितीय तरीके से नहीं किया जा सकता। काउंसिल के महामारी विशेषज्ञ डॉ समीरन पांडा के मुताबिक कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी। इसलिए लोगों को इससे ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। यह जरूर है कि बचाव के उपायों में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।