न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

सुशील कुमार सिंह

छत्तीसगढ़ के राजनीतिक संकट के बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से संबंधित निर्णय पार्टी आलाकमान को लेना है। पिछले शनिवार दिल्ली से रायपुर लौटे सिंहदेव ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। हमने उनकी राय भी सुनी। अब पूरा मामला आलाकमान के पास है और उसे ही अंतिम फैसला करना है।

फिर सिंहदेव के तेवर कुछ नरम थे। उन्होंने कहा कि कुछ चीजें रहती हैं जिनमें कुछ समय लगता है। जो भी फैसला होगा वह हम सभी को स्वीकार्य होगा। जब उनसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में कई विधायकों और मंत्रियों के दिल्ली पहुंचने के संबंध में सवाल किए गए तो सिंहदेव ने कहा कि अगर विधायक अपनी मर्जी से दिल्ली गए थे तो इसमें कोई बात नहीं है। ‘हालांकि पुनिया जी ने कहा था कि विधायकों को दिल्ली नहीं बुलाया गया है। फिर भी वे अपने आप वहां चले गए तब इसमें कुछ भी नहीं है, क्योंकि यह एक स्वतंत्र देश है।’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होगा या नहीं, यह निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है। उन्होंने यह नहीं बताया कि राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा हुई या नहीं। क्या केंद्रीय नेतृत्व ढाई साल में मुख्यमंत्री बदलने के वादे का सम्मान करने जा रहा है, यह पूछने पर सिंहदेव ने कहा कि पार्टी ने कभी यह नहीं कहा कि ऐसा कोई वादा किया गया है।

राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की मुलाकात पिछले शुक्रवार को हुई। पहले खबर आई कि बैठक में ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बदलने की बात राहुल गांधी ने स्वीकार ली है, लेकिन बाद में सभी तरफ से उसका खंडन किया गया। बैठक के बाद भूपेश बघेल निश्चिंत दिखे और बोले कि उन्होंने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने न्योता दिया है।

असल में छत्तीसगढ़ में दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार के गठन के समय से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव के रिश्तों में तनाव रहा है। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री रहने पर सहमति बनी थी, इसलिए अब सिंहदेव का नंबर है।