न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क

सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि की जमा पर मिलने वाली ब्याज दरों को साढ़े आठ फीसदी रखने का फैसला किया है। पीएफ के दायरे में आने वाले करीब छह करोड़ कर्मचारियों को इस फैसले से राहत मिली है।

ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले हफ्ते संगठन ने तय किया कि साढ़े आठ फीसदी ब्याज मिलता रहेगा। पिछले वित्त वर्ष में भी यह दर साढ़े आठ फीसदी ही थी।

इस बारे में कुछ समय पहले तक आशंकाएं जताई जा रही थीं कि भविष्य निधि पर ब्याज दरें घटा दी जाएंगी, लेकिन ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की बैठक में पिछली दरें बरकरार रखने का फैसला किया गया। पिछले साल मार्च में पीएफ पर ब्याज दर सात साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी। उस समय 2019-20 के लिए पीएफ पर साढ़े आठ फीसदी ब्याज की घोषणा की गई थी। उससे एक साल पहले लगातार दो साल ब्याज दर 8.65 फीसदी थी। पिछले सात साल से ब्याज की दर साढ़े आठ फीसदी या उससे कम रही है।

इस बीच, दिसंबर तिमाही के आंकड़ों को देखा जाए तो इस तिमाही में कुल 80.40 लाख नए सदस्य ईपीएफओ से जुड़े जबकि इसी दौरान 29.47 लाख सदस्य निकल गए थे। इन निकले हुए सदस्यों में से बाद में 7.44 लाख फिर जुड़ गए थे। इस समय देश में लगभग 6.44 करोड़ लोग पीएफ के दायरे में हैं। नियम है कि जिन कंपनियों में बीस या इससे ज्यादा लोग काम करते हैं और जिनका वेतन पंद्रह हजार रुपए तक है, उन पर पीएफ लागू होता है।