न्यूज़गेट प्रैस नेटवर्क
इस बजट में ओपीसीएस यानी एकल व्यक्ति कंपनियों को निगमित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। माना जा रहा है कि एकल व्यक्ति कंपनियों को सीधे लाभ पहुंचाने, विशेष रूप से उन्हें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति करने वालों तथा असंगठित व्यवसायों को संगठित कॉर्पोरेट क्षेत्र में लाने के लिए ऐसा किया गया है।
इसके लिए कंपनी नियमों में संशोधन करके ओपीसी को पूँजी और टर्नओवर पर बिना किसी प्रतिबंध के वृद्धि करने की अनुमति दी गयी है। ओपीसी को किसी भी समय किसी भी अन्य प्रकार की कंपनी में तब्दील करने की अनुमति भी दी गयी है। भारतीय नागरिक द्वारा ओपीसी की स्थापना के लिए जरूरी निवास की सीमा को 182 दिन से घटा कर 120 दिन कर दिया गया है। एनआरआई भी भारत में ओपीसी बना सकेंगे।
इसके अलावा, कंपनी अधिनियम 2013 के तहत विलय के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रिया में स्टार्टअप के साथ अन्य स्टार्टअप या छोटी कंपनियों के विलय को भी शामिल किया गया है, ताकि ऐसी कंपनियों के लिए विलय और संयोजन की प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सके। ओपीसी के लिए वर्तमान में लागू पूंजी और टर्नओवर की सीमा (पचास लाख रुपये की शेयर पूंजी और प्रासंगिक अवधि के दौरान दो करोड़ रुपये का औसत वार्षिक टर्नओवर) को ख़त्म किया जा रहा है, ताकि ओपीसी को पूँजी और टर्नओवर में वृद्धि करने में कोई प्रतिबंध का सामना ना करना पड़ेl माना जा रहा है कि बदलावों के बाद एक विशेष प्रकार के उद्योगों को उत्साह मिलेगाl
Comments are closed for this post.